लाखों श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा तमसा संगम तट पर लगाई आस्था की डुबकी
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी श्रद्धालु भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ किया गंगा स्नान बोले, भृगु बाबा की जय, हर हर गंगे
भृगु आश्रम जाकर भक्तों ने महर्षि भृगु का किया जलाभिषेक
बलिया. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा तमसा संगम पर आस्था की पवित्र डुबकी लगाई और गंगा तट पर वातावरण हर हर गंगे और भृगु बाबा की जय से गूंज रहा था.
श्रद्धालुओं के साथ परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने भी गंगा तमसा के किनारे पवित्र डुबकी लगाई. परिवहन मंत्री ने गंगा के किनारे बताया कि बलिया में गंगा स्नान का पौराणिक महत्व है.
इसका पुराणों में भी वर्णन मिलता है .प्राचीन काल से महर्षि भृगु जी के समय से यहां स्नान प्रारंभ हुआ. कार्तिक पूर्णिमा पर देवलोक से देवतागण भी भृगु क्षेत्र में आते हैं. ऐसा सभी देवताओं ने महर्षि भृगु को आश्वासन दिया था जब वे त्रिदेवों की परीक्षा लेने के बाद स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक के लिए प्रस्थान कर रहे थे.
परिवहन मंत्री ने मीडिया कर्मियों से बताया कि जिस तरह से प्रयागराज में कुंभ का महत्व है, उज्जैन में महाकुंभ का महत्व है, उसी तरह पुराणों में कार्तिक पूर्णिमा का व्यापक वर्णन मिलता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करके महर्षि भृगु बाबा व बालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करके पुण्य अर्जित करते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान करने के लिए रविवार को ही श्रद्धालु बलिया के जिला मुख्यालय तथा गंगा तमसा तट पर जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए शिवरामपुर घाट पर पहुंचना शुरू कर दिए थे. जिला प्रशासन व नगर पालिका प्रशासन के अतिरिक्त भी गंगा तट पर दर्जनों सेवा शिविर लगाए गए थे जहां पर गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने, ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था, निशुल्क चाय की व्यवस्था की गई थी.
सभी श्रद्धालु आधी रात होने का इंतजार कर रहे थे. गंगा तट पर भजन कीर्तन लगातार चल रहा था. आधी रात के बाद श्रद्धालु हर-हर गंगे बोलकर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिए. यह सिलसिला सोमवार को भी दिन भर चलता रहा. मौसम प्रतिकूल होने के बाद भी श्रद्धालुओं के आस्था को कोई डिगा नहीं सका.
लगातार पैदल यात्रा करके गंगा स्नान के बाद सीधे श्रद्धालु महर्षि भृगु मंदिर की ओर प्रस्थान कर रहे थे. महर्षि भृगु बाबा मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ थी. जिला प्रशासन और श्रीभृगु जी प्रबंधक समिति की ओर से भी पुरुष एवं महिलाओं के दर्शन के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई थी.
महर्षि भृगु मंदिर के बाद सभी लोग पड़ोस में स्थित चित्रगुप्त मंदिर में जाकर अपनी हाजिरी लगाते देखे गए. पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि चित्रगुप्त भगवान ही जिनको साक्षी देवता भी कहते हैं.
विष्णु भगवान को यह जानकारी देते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर कौन, कितने लोगों ने गंगा स्नान करके महर्षि भृगु का दर्शन किए. गांव – गांव से आने वाले भक्तों ने स्थानीय लोगों से पूछ कर साक्षी भगवान कहकर चित्रगुप्त मंदिर में जाकर मत्था टेका और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
भृगुजी मंदिर से गंगा तट जाने वाले रास्ते पर, बलिया रेलवे स्टेशन से महर्षि भृगु मंदिर तक आने वाले रास्ते पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए थे जहां पर हलव के साथ निशुल्क चाय की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी.
सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन के अधिकारी एवं पुलिसकर्मी पूरी रात संक्रमण करते देखे गए.
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बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट
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