


बलिया में घाघरा नदी का कटान हुआ तेज, अपना ही आशियाना उजाड़ रहे लोग
बांसडीह, बलिया. पूर्वांचल में भले ही बारिश ना के बराबर हुई लेकिन नदियां उफान पर है. सरयू (घाघरा ) नदी की बात करें तो अब जलस्तर घट रहा है लेकिन कटान लगातार जारी है.
क्षेत्र के हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में कटकर विलीन हो रही है. वहीं लोग नदी के खतरा से अपने आशियाना भी लोग उजाड़ने लगे हैं. नदी ने टिकुलिया, भोजपुरवा में तांडव मचाये हुए है. लोग नदी के कटान से कराह रहे हैं.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने किया कटान स्थल का दौरा, कटान स्थल से ही जिलाधिकारी से की वार्ता
ऐसे में सूचना मिलते ही सपा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी सुल्तानपुर, इलाका में पहुंचकर लोगों से हाल चाल लियाऔर कहा कि सरकार केवल जुबानी व्यवस्था दे रही है जबकि धरातल पर शून्य है. यहां की जनता कराह रही है. गर्मी में बिजली का संकट लगातार बना हुआ है.
सरयू नदी के किनारे बसे लोग आखिर कहां जायेंगे. नदी उस पार बिहार में शरण कौन देगा? राम गोविंद चौधरी ने कहा कि आम जन के दर्द को कोई समझने वाला नहीं है. सरयू नदी के जलस्तर में कमी आने से लगातार किसानों के खेत कट कर नदी में विलीन हो रहे हैं. किसी का ध्यान नही है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रेंगहा, रामपुर नम्बरी आदि गांवों के लोगों का व्यथा सुनकर रौंगटे खड़े हो जा रहे हैं.
उन्होंने वही से जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार से वार्ता कर पीडितों की हर सम्भव मदद की बात कहीऔर कटान को रोकने के लिये हर सम्भव मदद पीड़ितों की हो उनसे कही.

आधा दर्जन लोग खुद ही उजाड़ रहे अपना आशियाना
बांसडीह, बलिया. सरयू (घाघरा) के कटान से पीड़ित अपना खुद ही आशियाना उजाड़ रहे हैं. लोगों के सामने भूख और रहने का संकट खड़ा हो गया है. पीड़ित में खेदन राजभर, रमाशंकर राजभर ,आशीष राजभर ,अर्जुन यादव, सत्यदेव यादव, कमलेश साहनी ,ननकी देवी आदि अपने घरों को उजाड़ कर उसमें रखा सारा सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. उनके रहने का कोई भी ठिकाना नहीं है.
दो किलोमीटर लंबी पिच सड़क घाघरा नदी में समाहित
सरयू (घाघरा) नदी के कटान से कई गांवों के जोड़ने वाले संपर्क मार्ग सुल्तानपुर से टिकुलिया होते जयनगर को जोड़ने वाली पिच सड़क लगभग दो किमी नदी में कटकर समाहित हो चुकी हैं जिससे लोगो को आने जाने में काफी असुविधा हो रही हैं.
सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर डटे
सरयू नदी के कटान को रोकने के लिये शासन के तरफ से सिंचाई विभाग के जेई, एसडीओ अपने लाव लश्कर के साथ कटान स्थल पर जमे हुए है. बोरियों में मिट्टी बालू भरकर कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा हैं. आज बॉस भी मंगवाकर नदी के किनारे लगाकर कटान रोकने की हर सम्भव कोशिश भी नाकाफी है क्योंकि नदी का कटान बहुत तेज है.
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रवि शंकर पांडे की रिपोर्ट