बलिया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनान्तर्गत पूरे बलिया जनपद को खुले में शौच मुक्त करने के लिए मास्टर ट्रेनरों को समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता का पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को होटल चंद्रावली में हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष संतोष कुमार ने मास्टर ट्रेनरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खुलें में शौच करने वालों के अन्दर सीएलटीएस विधा के माध्यम से घृणा, शर्म को जागृत करके उसके अन्तरात्मा को झकझोरने की जरूरत है, क्योंकि खुले में शौच करने वाले अपनी शादी, जन्मदिन व पार्टी में हजारों, लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, परंतु इज्जत, सम्मान, स्वच्छता व स्वास्थ्य के लिए शौचालय बनाने एवं प्रयोग हेतु ध्यान नहीं देते.
वे बोले, उम्मीद करता हूं कि इस पवित्र अभियान से जुड़कर इसे एक जनान्दोलन का रूप देते हुए बलिया को ओडीएफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने एवं इस मिशन को पूरा करने में पूर्ण रूप से सफल होंगे. जिला पंचायत राज अधिकारी एवं जिला स्वच्छता समिति के सचिव अवनीश कुमार ने कहा कि प्रशिक्षित सभी 75 मास्टर ट्रेनर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत हर गाँव में पाँच -पाँच दिन रहकर ट्रिगरिंग, फालोअप, निगरानी समिति का गठन, शौचालय रहित पात्र लाभार्थीयों का सर्वे एवं राजमिस्त्रियों की सूची तैयार करते हुए गाँव को ओडीएफ करने के लिए प्रेरित करेंगे.
इस काम के लिए प्रत्येक ट्रेनर को शासन द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा. ब्लाक कोआर्डिनेटर सुशील कुमार द्विवेदी ने कहा कि ओडीएफ का मतलब केवल शौचालय बनवाना नहीं है. गाँव में मल एवं कूड़ा-करकट का सुरक्षित निपटान, वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित सोख्ता शौचालय, स्कूल एवं आंगनबांड़ी केंद्र पर स्वच्छ व सुरक्षित शौचालय, व्यक्तिगत व सामाजिक स्वच्छता होने पर गाँव को ओडीएफ माना जाएगा. इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. इस अवसर पर यूनीसेफ के मास्टर ट्रेनर विनोद शर्मा, अपरूपा, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय, ऊषा, तकनीकी सलाहकार उत्कर्ष शुक्ला, डीपीसी शैलेष ओझा, इसरार अहमद, केडी सिंह, शिल्पी, लक्ष्मी, मुरलीधर पाण्डेय आदि मौजूद रहे.