अंगूठा निशान भूल जाइये, बलिया में बुजुर्ग किसानों के चेहरे पर मिलेगा किसान सम्मान निधि का पैसा
बलिया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा पाने के लिए अब बुजुर्ग किसानों को ई-केवाईसी के लिए बैंक के जन सेवा केंद्र का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा. कृषि विभाग ऐसे किसानों के लिए अब फेशियल ई-केवाईसी की व्यवस्था कर रहा है.
ऐसे बुजुर्ग किसानों की तस्वीर लेकर उनके चेहरे का मिलान आधार डाटा से किया जाएगा, जिससे अंगूठा निशान न मिलने की स्थिति में चेहरा दिखा कर भी किसान को सम्मान निधि का फायदा मिल सकेगा.
असल में किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए बैंक से ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है. मतलब, ई-केवाईसी बिना पात्र होने के बावजूद किसी किसान को योजना का फायदा नहीं मिलेगा.
बुजुर्ग किसानों के सामने ये मुश्किल खड़ी हो गयी है कि उनके हाथ के अंगूठे का निशान मिट जाने के कारण उनका बैंक में ई-केवाईसी नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कई बुजुर्ग पात्र होने के बावजूद सम्मान निधि योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं.
ऐसे किसानों की मदद के लिए केवाईसी से अब तक वंचित किसानों का फेशियल ई-केवाईसी कराया जा रहा है. ऐसे बुजुर्ग किसान जिनके अंगूठे के निशान मिट गये हैं उनका फेशियल ई-केवाईसी कृषि विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर कर रहे हैं.
कृषि विभाग ने ऐसे किसानों की सूची तैयार की है जो भूलेख सत्यापन ई-केवाईसी और आधार से लिंक करने से वंचित रह गए हैं. सूची के आधार पर विभाग के कर्मचारी गांव-गांव जाकर पात्र किसानों के साथ साथ मृत भूमिहीन और अपात्र किसानों का सत्यापन भी कर रहे हैं.
16 हजार किसान केवाईसी से वंचित
कृषि विभाग में करीब 4.94 लाख पंजीकृत किसान हैं. करीब 16 हजार किसानों का ई-केवाईसी अब तक नहीं हो पाया है. इनमें अधिकांश किसान ऐसे हैं जिनके आधार भी बैंक खाते से लिंक नहीं हैं.
ज्यादातर बुजुर्ग किसानों के लिए अंगूठे का निशान मिलाने में समस्या आ रही है. ऐसे में उनकी परेशानी को दूर करने के लिए फेशियल ई-केवाईसी का इंतजाम किया गया है.
बुजुर्ग किसानों को घर पर ही मिल रही फेशियल ई-केवाईसी की सुविधा
जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति बताते हैं कि ई-केवाईसी से वंचित किसानों का फेशियल ई-केवाईसी करने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारियों की टीम गांव-गांव दस्तक दे रही है. कर्मचारियों से प्रतिदिन फेशियल ई-केवाईसी की रिपोर्ट ली जा रही है. जल्द ही सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पात्र किसानों का ई-केवाईसी हो जाये, और उनको किसान सम्मान निधि योजना का फायदा मिल सके.
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आशीष दुबे की रिपोर्ट