भोगवादी प्रवृत्ति के कारण बढ़ा पर्यावरण-पारिस्थितिकी असंतुलन : डॉ.पाठक

  • किसान पीजी कॉलेज रक्सा में “वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के बढ़ते खतरे- जिम्मेदार कौन?” व्याख्यान माला

बलिया : किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रक्सा, रतसर ,बलिया के शिक्षण – प्रशिक्षण संकाय के द्वारा आयोजित व्याख्यान माला के तहत “वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के बढ़ते खतरे- जिम्मेदार कौन?” विषय पर व्याख्यान पेश किये गये.

अमरनाथ मिश्र पीजी कॉलेज दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डॉ. गणेश कुमार पाठक ने व्याख्यान प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिंह ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन शिक्षण-प्रशिक्षण संकाय के
विभागाध्यक्ष डॉ. विकास सिंह ने किया

कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. मुख्य अतिथि और डॉ. गणेश कुमार पाठक ने कहा कि पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी असंतुलन मूल रूप से अनियोजित एवं अनियंत्रित विकास, भोगवादी प्रवृति एवं अनंत इच्छाओं की पूर्ति के लिए इनके कारकों का अतिशय दोहन और शोषण का परिणाम है.

इस असंतुलन से अनेक प्रदूषणजन्य समस्याएं एवं आपदाएँ उत्पन्न हो रही हैं, सम्पूर्ण पादप जगत एवं प्राणी जगत को विनष्ट करने की दिशा में बढ़ रही हैं. इसका आभास हमें विभिन्न आपदाओं के रूप में परिलक्षित हो रहा है.

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यदि हमें पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी असंतुलन के दुष्परिणामों से बचना है तो हमें भारतीय संस्कृति में निहित संकल्पनाओं को अपनाकर विकास और जीवन यापन करना होगा.

भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण के लिए मूलभूत संकल्पनाएं निहित हैं, जिसमें वृक्ष संरक्षण, जल संरक्षण, वायु संरक्षण, मृदा संरक्षण, जीव संरक्षण आदि पूजा का विधान बनाकर उसे जन- जन से जोड़ दिया गया है. आज उसे समझने और अपनाने की आवश्यकता है.

इस अवसर पर डॉ. विकास सिंह, डॉ. संजय कुमार सिंह, अनिल कुमार यादव, अमित कुमार पाण्डेय, रजनीश कुमार शर्मा, भारत भूषण सिंह, सुभाष कुमार, राजेश कुमार यादव तथा छात्राध्यापक- छात्राध्यापिकाएँ उपस्थित रहीं. डॉ. विकास सिंह ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया.

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