- डीएम ने जिगिरसण में बन रही गौशाला का किया निरीक्षण
- एक हप्ते में अधूरे कार्यों को पूरा कराने की दी चेतावनी
बलिया /सिकंदरपुर: सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के जिगिरसण में बन रहे गौशाला का निरीक्षण जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने मंगलवार को किया. धीमे निर्माण कार्य पर उन्होंने नाराजगी जताई.
कार्यदाई संस्था के इंजीनियर को कड़े शब्दों में समझाया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक हफ्ते में अधूरे छोटे-मोटे कार्य पूरे नहीं हुए तो गंभीर परिणाम सामने आएंगे.
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार के साथ स्थाई गो-आश्रय केंद्र के चारों ओर भ्रमण किया. बाउंड्री पर लगाई गई जाली की मजबूती पर उन्होंने सवाल किया. उन्होंने बाकी बाउंड्री पर और मजबूत जाली लगाने के लिए कहा.
मिट्टी का काम भी लंबे समय तक अधूरे रहने पर उन्होंने कहा कि इससे लापरवाही स्पष्ट दिखती है. चूंकि अब इसमें जानवरों को शीघ्र लाना है, इसलिए डीएम ने प्रोजेक्ट से जुड़े हर कार्य को एक हफ्ते के अंदर पूरा कराने की चेतावनी दी.
उन्होंने कहा कि मुख्य गेट ऐसा होना चाहिए जिसमें बड़े वाहन भी आसानी से आ जाएं. उसी गेट में एक छोटा गेट हो जिसमें सिंगल जानवर आ-जा सके. गौशाला से पानी निकास की व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए.
डीएम ने भूसा गोदाम की क्षमता, कार्यालय औषधि कक्ष और लगने वाले सोलर पंप की क्षमता की जानकारी ली. बताया गया कि 2 हॉर्सपावर का सोलर पंप लगाने के लिए नेडा को भुगतान कर दिया गया है.
बिजली कनेक्शन के लिए भी जरूरी कार्यवाही कर दी गई है. जिलाधिकारी ने दोनों विभागों से संपर्क कर यह कार्य पूरा कराने को कहा.
प्रोजेक्ट पूरा होने की समयसीमा से अंजान, जेई को फटकार
सिकंदरपुर क्षेत्र के जिगिरसण में निर्माणाधीन गो-आश्रय केंद्र के निर्माण की अंतिम समय सीमा के बारे में डीएम ने पूछा तो कार्रवाई संस्था के अवर अभियंता (जेई) ब्रजेश सिंह को यह भी पता नहीं था.
इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और अधिशासी अभियंता को प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी जानकारी के साथ तलब किया. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के कई अन्य सवालों पर भी जेई बृजेश कुमार सिंह बगल झांकते नजर आए.