बलिया. जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में किसानों और एपिडा के अधिकारियों के साथ बैठक की.
बैठक का उद्देश्य किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराना और उनके उत्पाद को आयात निर्यात के माध्यम से न केवल देश में बल्कि विदेशों में पहुंचाना है जिससे किसानों को अधिक लाभ हो सके.
एपिडा के अधिकारी डॉ. सी.पी. सिंह ने किसानों को बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें एफपीओ से जुड़कर समूह बनाना होगा ताकि उनके उत्पाद को बढ़ाया जा सके और नियमित रूप से मंडी तक पहुंचाया जा सके. क्योंकि व्यापारी तभी उनके माल को खरीदेंगे जब उन्हें निरंतर रूप से माल मिलता रहेगा. इसके लिए किसानों को एपीओ से जुड़कर अपने उत्पादन को बढ़ाना होगा और किसी फसल विशेष पर ध्यान देकर उसका उत्पादन करना होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि जनपद बलिया में कई तरह के उत्पाद बहुतायत मात्रा में होते हैं लेकिन उन्हें उचित बाजार न मिल पाने की वजह से किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है. उन्होंने बनारस का उदाहरण देकर उन्हें बताया कि किस प्रकार बनारस में कई जनपदों से सब्जियां मंगाई जाती है जिसकी पैकेजिंग करके देश विदेश में उसका निर्यात किया जाता है. इसी प्रकार से बलिया के किसान भी आपस में मिलकर समूह बनाकर कार्य करें और अपना माल जिनमें आलू, भिंडी, तुरई, मसूर, मटर, मिर्च, परवल जैसी सब्जियां उगा कर उसका निर्यात कर सकते हैं. इसके लिए सरकार उन्हें लोन देगी. जिससे कि वह अपना व्यापार और बढ़ा सकें. उन्होंने कोरोना काल के दौरान वाराणसी से होने वाले सब्जी व्यापार का उदाहरण देकर किसानों को समझाने का प्रयास किया किस प्रकार किसानों ने मिलकर अपने उत्पाद को सऊदी अरब, अमेरिका जैसे देशों में भेजा और उसका लाभ कमाया.
डॉ .सी.पी. सिंह ने यह भी बताया की फल और सब्जियों के अतिरिक्त किसान बीजों का भी व्यापार कर सकते हैं क्योंकि वर्तमान समय में अच्छे किस्म के बीजों की मांग बाजार में बहुत ही ज्यादा है. जैसे पंजाब में विभिन्न किस्म के फसलों के बीज तैयार करके उन्हें बेचा जाता है उसी तरह बलिया के किसान भी बीजों की किसानी करके उसका लाभ कमा सकते हैं. किसानों ने भी उनके सामने अपनी समस्याएं रखी और उस पर चर्चा की. किसानों ने कहा कि अगर वह मचान विधि से कृषि करें तो वह अधिक से अधिक मात्रा में सब्जियां उगा सकते हैं क्योंकि मचान विधि से कृषि करने से सब्जियों में ना तो किसी प्रकार का रोग लगता है और उत्पादन भी अधिक होता है.
जिला अधिकारी ने जिला पोषक समिति की की समीक्षा बैठक
बलिया. राज्य पोषण मिशन के अंतर्गत जिला पोषण समिति की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई . जिला कार्यक्रम अधिकारी के.एन. पांडे ने बताया कि जनपद बलिया में 18 बाल विकास परियोजनाएं संचालित हैं. 17 समस्त विकास खंड एवं शहर में एक बाल विकास परियोजना संचालित है. बाल विकास परियोजना के अंतर्गत संचालित 2620 आंगनवाड़ी केंद्र एवं 851 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र कुल 3471 आंगनवाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है.
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड सत्यापन रिपोर्ट, गृह भ्रमण, मेजरिंग एफिशिएंसी, अनुपूरक पुष्टाहार, आंगनवाड़ी केंद्र खुलने की रिपोर्ट और ग्रोथ मानिटरिंग के जरिए पोषण ट्रैकिंग की जाती है.
जिलाधिकारी ने जिन ब्लाकों की पोषण ट्रैकिंग रिपोर्ट ठीक नहीं है उसमें सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ठीक से कार्य नहीं कर रही हैं तो उन्हें हटा दिया जाए और उनकी जगह दूसरे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भर्ती करके पोषण ट्रैकिंग ठीक से की जाए जिससे कि अधिक से अधिक लाभार्थियों इसका लाभ मिल सके.
इस बैठक में सीडीओ प्रवीण वर्मा, सीएमओ जयंत कुमार के अतिरिक्त ब्लॉकों के सीडीपीओ उपस्थित थे.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)