भव्य शोभायात्रा के बाद की हल्दी में गोष्ठी
हल्दी(बलिया)। कलयुग के आठ चिरंजीवी देवताओं में से एक जीवित देवता और भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती से तीन दिन पूर्व रविवार को भब्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. इस दौरान देवी-देवताओं के गगनभेदी जयकारों से क्षेत्र गूंजमान हो गया.
क्षेत्र के उदवंतछपरा से रविवार की सुबह भगवान परशुराम जी की शोभा यात्रा पंडित जिम्मी चौबे के नेतृत्व में निकली गई. जो चैनछपरा व पं आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के गावं ओझवलिया होते हुए दुबहड़ ढाले तक गया. पुनः वहां से राष्ट्रीय राज्यमार्ग होकर बसरिकापुर, नीरूपुर, सीताकुन्ड से गुजरते हुए हल्दी ढाले स्थित घनश्याम लाज पहुंचा.
वहां पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसके मुख्य अतिथि हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष गुप्तेश्वर पाठक ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम जी ने हमेशा उपद्रवियों का नाश करने का काम किया है. वे पराक्रम व सत्य के मार्ग पर चलकर मानवता की शिक्षा दी है. बैठक की अध्यक्षता करते हुए पं.जिम्मी चौबे ने कहा कि भगवान शिव के परमभक्त भगवान परशुराम शस्त्र व शास्त्र के ज्ञाता थे. उन्होंने कहा है कि ब्राम्हणों को से ही धर्म का विस्तार होता है. वही इसके रक्षक भी है. जब भी धर्म पर संकट आये तो ब्राम्हणों को शास्त्र को रखकर शस्त्र उठाने में कोई हिचक नहीं करना चाहिए. सुशान्त पाण्डेय ने कहा कि परशु प्रतीक है पराक्रम का एवं राम पर्याय का इस प्रकार परशुराम का अर्थ स्पष्ट करते हुऐ प्रकाश डाला साथ ही अन्य युवाओ ने भी अपना अपना विचार प्रकट किया. इस दौरान हिमांशु उपाध्याय, छोटु उपाध्याय, सुमित उपाध्याय, अचिन्तया त्रिपाठी, पप्पु ओझा, पुनीत पाण्डेय, राकेश मिश्रा, पवन उपाध्याय, छोटु दुबे, सिद्धान्त दुबे, विवेक पाण्डेय, सिप्पु तिवारी, अखिलेश उपाध्याय, बंटी मिश्रा, बद्रीस पाण्डेय, सिद्धान्त दुबे, बजरंग ओझा, अरविंद दुबे, बाघा चौबे, मुन्ना चौबे, दुर्गेश शुक्ला, प्रवीन तिवारी, महान उपाध्याय,सत्य प्रकाश राय, पिन्टु ओझा आदि वक्ताओं ने अपनी अपनी बात कहीं. संचालन कान्हा उपाध्याय ने किया.