बांसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय
मंडलायुक्त आजमगढ़ विजय विश्वास पंत ने गुरुवार को सीएचसी रेवती का औचक निरीक्षण किया. अचानक सीएचसी पहुंचे कमिश्नर ने कोरोना से संबंधित पत्रावलियों की गहनता से जांच की. उनका पूरा फोकस कोरोना संक्रमण पर ही था. लेकिन वे लेबर रूम के बाबत भी चिकित्सकों से कई सवाल पूछे.
एमओआईसी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन चार – पांच तथा एक माह में डेढ़ सौ बच्चों का नार्मल डिलेवरी होती हैं.
मंडलायुक्त ने पत्रावली जांच में सब कुछ ठीक पाया, किन्तु कोरोना पाजेटिव मरीजों के होम आइसोलेशन संबंधी मकान का चेक लिस्ट न होने का मामला गंभीरता से लिया. हालांकि इस लापरवाही के लिए कोई कार्रवाई करने की बजाय चिकित्सा स्टाफ को चेक लिस्ट दुरुस्त करने की हिदायत दी.
मंडलायुक्त को एमओवाईसी ने जब बताया कि मेरी ड्यूटी दो जगह लग रही है तथा यहां का सारा काम चिकित्सक डॉ. रोहित कुमार के जिम्मे है, तो कमिश्नर चौक गए. कहा कि प्रभारी की ड्यूटी दो जगह नहीं होनी चाहिए.
करीब आधे घंटे के निरीक्षण के दौरान ओपीडी में काम बधित रहा. अधिकारियों के जाने के उपरांत चिकित्सक अपने चेम्बर में आए तथा मरीजों का उपचार शुरू हुआ. दौरे में मंडलायुक्त के साथ एडीएम रामाश्रय, एसडीएम दुष्यंत कुमार, सीओ बांसडीह दीपचंद, प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह के अलावे लेखपाल अविनाश सिंह आदि लोग मौजूद थे.