सोमवार को दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. पर्यावरणविद जहाँ विश्व समुदाय को पर्यावरण के संरक्षण पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने की अपील किये तो वही ग्रामीण क्षेत्रों मे भी पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
बीएन इंटरनेशनल स्कूल विद्याभवन, नारायणपुर का प्रथम वार्षिकोत्सव फेस्टिया फर्स्ट कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर विद्यालय के बच्चों ने एक से बढ़कर एक कई कार्यक्रम प्रस्तुत कर मनमोह लिया
हिम्मते मर्द मददे खुदा… यानी जो किसी काम को करने के लिए हिम्मत करता है उसकी मदद निश्चित रूप से खुदा करते हैं. इस कहावत को चरितार्थ होते लोगों ने मठिया गांव में उस समय देखा जब 24 वर्षीय साहसी युवक ने अपनी जान की परवाह न कर आग व धूआं के बीच घिरे तीन लोगों को बाहर निकाल उन्हें नई जिंदगी दी.
तहसील मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूरी पर खरीद गांव में स्थित दुर्गा मंदिर सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. मां के दरबार में हाजिरी देने वालों का पूरे वर्ष तांता लगा रहता है.
ठकुरी बाबा मठ कर्णछपरा में स्थित सर्व मनोकामना सिद्धि हनुमान जी के विशाल प्रतिमा परिसर मे 5 अप्रैल रामनवमी से विशाल श्री हनुमान चालीसा पाठ संग्रह शुरू हो रहा है, जो लगातार 12 अप्रैल तक चलेगा.
इंसान के शौक भी अजीब किस्म के होते हैं. अब अगर शौक है तो उसमें सनक भी होगी ही. नाम व प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ ऐसा ही शौक चढ़ा है जेपी के गांव सिताबदियारा के अंबिका बैठा उर्फ सरल बैठा पर.
आज सारा जमाना क्रिकेट पर फिदा है. बच्चे-बच्चे की जुबान पर क्रिकेट छाया हुआ है, किंतु जेपी के गांव सिताबदियारा के लाला टोला में आज भी कबड्डी खेल की वह पुरानी परंपरा आज भी कायम है.
यूपी हाईस्कूल, इंटर की बोर्ड परीक्षा में आम अभिभावकों की मंशा अब कुछ इसी तरह की हो चली है. परीक्षा केंद्रों की तस्वीरें बताती हैं कि लगभग जगहों पर एक तरह से नकल को अभिभावक आम सहमति दे चुके हैं.
भगवान शंकर के शिवलिंग पर चढाये जाने वाली बस्तुओं में बेल और बेल पत्र जहां एक ओर परिस्थितिवश औषधि है, वहीं दूसरी ओर इसी पत्ती का एक आध्यात्मिक पक्ष भी है. विकास राय के शब्दों में जानिए क्या है इसकी खासियत
बसंत पंचमी बीत गई फागुन चल रहा है, अब चौपाल से उठते चौताल और फाग के बीच ढोलक के सुर नहीं सुनाई देते हैं. अब तो लोग कैलेंडरों पर ही तारीख और दिन देख-देखकर निर्भर रहते हैं. गांव हो या नगर बस यही लगता है कि बिसर गईल फाग भूल गई चाईता.
विधान सभा चुनाव का नामांकन अब अंतिम दौर में है. कहने के लिए 14 फरवरी तक नामांकन होना है, लेकिन 11 व 12 फरवरी को अवकाश होने की वजह से नामांकन के लिए दो दिन ही शेष है.
यूपी विधान सभा चुनाव में इस बार गठबंधन राजनीति की खूब चर्चा है. गठबंधन राजनीति में कई तरह के नए नारे भी मौजूद हैं. आइए जानते हैं हमारे देश की धरातल पर गठबंधन की राजनीति की शुरूआत कब हुई.
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