महर्षि पराशर मुनि के तपोभूमि पर लगा मेला,
मंदिर के पास स्थित पोखरा में स्नान करने से कुष्ठ जैसे असाध्य रोग हो जाते हैं समाप्त
सुख समृद्धि के लिए मंदिर परिक्रमा के बाद महिलाओं ने रोपा जौ
हल्दी, बलिया. क्षेत्र के परसिया गांव में स्थित महर्षि पराशर मुनि के तपोभूमि पर शुक्रवार को एक दिवसीय मेला सम्पन्न हुआ. मान्यता है कि पराशर मुनि मन्दिर के पास स्थित पोखरा में स्नान करने से कुष्ठ रोग जैसे असाध्य रोग की समाप्ति हो जाती है. वहीं पोखरे का पांच बार परिक्रमा करते हुए जौ बोने का रिवाज है.
ऐसी मान्यता है कि परिवार की सुख- समृद्धि के लिए महिलाएं ऐसा करती है. इस दौरान जिले के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु महिलाएं व पुरुषों ने हिस्सा लिया.
पराशर मुनि धाम पर प्रतिवर्ष अनंत चतुर्दशी के अगले दिन भाद्रपद की पूर्णिमा व कार्तिक मास में पंचकोशी के दौरान मेला लगता है, जहाँ पर अनंत चतुर्दशी को ही जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने रात्रि विश्राम किया और सुबह पोखरे में स्नान करके जौ बोते हुए पांच बार परिक्रमा की.कहा जाता है कि पोखरे में स्नान करने से विभिन्न चर्मरोग समाप्त हो जाते है और जौ बोने से समृद्धि मिलती है.
ग्राम प्रधान ने खोला रहस्य 84 हजार साधु महात्माओं ने यहां ली है समाधि
परसिया ग्राम प्रधान नागेंद्र प्रताप सिंह उर्फ कल्टू ने बताया कि पराशर मुनि के समाधि स्थल के दो सौ मीटर के परिधि में कहीं भी खुदाई करने पर मनुष्यों का कंकाल व हड्डियां मिलती है.
गांव के लोगों ने बताया कि इस धाम पर 84 हजार साधु महात्माओं ने यहां तपस्या की और समाधि ली है. जिनकी आज भी हड्डियां मिलती है.
मेले में महिलाएं अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदारी की तो वहीं बच्चों ने चाट ,जिलेबी के साथ चरखी, झूले का आनंद लिया. मेले में थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अजय कुमार यादव अपनी पुलिस टीम के साथ पूरे दिन मुस्तैद रहे.
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हल्दी से आतिश उपाध्याय की रिपोर्ट