नगरा, बलिया. नगरा पुलिस और चाइल्ड लाइन के सहयोग से पश्चिम बंगाल से आई मिशन मुक्ति फाउंडेशन की टीम ने सोमवार को क्षेत्र की विशुनपुरा चट्टी से एक 15 वर्षीय किशोरी को बरामद किया. नगरा में इस तरह की घटना से लोग हैरान हैं। किशोरी के बरामदगी के बाद पुलिस इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में जुट गई है.
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले में पुलिस जिला बरूईपुर के बासंतिक थाना क्षेत्र के एक गांव से 27 अगस्त को बाजार में समान खरीदने गई किशोरी गायब हो गई थी. काफी खोजबीन के बाद किशोरी के परिजनों वहां के थाने में 3 सितम्बर को किशोरी के गायब होने का मुकदमा पंजीकृत करायाथा.
इसके बाद वहां की पुलिस ने किशोरी की लोकेशन ट्रेस करने के साथ ही गायब हुए बच्चो के लिए काम करने वाली संस्था मिशन मुक्ति फाउंडेशन, नई दिल्ली को किशोरी को बरामद करने की जिम्मेदारी सौंपी. बलिया जिले में किशोरी का लोकेशन मिलते ही संस्था ने बाल संरक्षण अधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर किशोरी की बरामदगी हेतु सहयोग मांगा.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एसपी बलिया को निर्देशित कर संस्था का सहयोग करने को कहा. सोमवार को मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व बलिया पहुंची टीम पुलिस अधीक्षक रजकरन नैय्यर से मिली. इसके बाद चाइल्ड लाइन के कोर्डिनेटर युसुफ खान के साथ नगरा थाने पहुंची और एसआई मायापति पांडेय एवं पुरुष, महिला पुलिस के साथ विशुनपुरा पहुंची.
विशुनपुरा में मिशन मुक्ति संस्था के दिलीप कुमार व यूसुफ खान नकली ग्राहक बनकर आर्केस्ट्रा संचालक के घर पहुंचे और जन्मदिन पर आर्केस्ट्रा प्रोग्राम करने का बहाना बनाकर नर्तकियों को देखने की डिमांड की. आर्केस्ट्रा संचालक ने जिन लड़कियों को दिखाया, उसमे पश्चिम बंगाल से गायब किशोरी मिल गई.
इन सदस्यों से सिग्नल मिलते ही आसपास खड़ी नगरा पुलिस मौके पर पहुंच किशोरी को अपने साथ थाने ले आई. थाने में संस्था के सदस्यों ने आर्केस्ट्रा संचालक के खिलाफ तहरीर दी है जिसपर पुलिस कार्यवाही में जुट गई है.
पुलिस अब मानव तस्करी के एंगल से इस पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है कि यह लोग लड़की को अपने साथ कैसे ले आए। क्या इन्होंने लड़की के साथ जोर-जबरदस्ती की और लड़की को इन्होंने कौन सा भय दिखा कर चुप कराया हुआ था, इसकी भी जांच की जा रही है।
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)