बैरिया,बलिया. बाड़ पीड़ितों को प्रशासन, जन प्रतिनिधियों की तरफ से लगातार मदद पहुंचाने की कोशिशें हो रही हैं लेकिन आपदा के समय में भी दबंग मनमानी से बाज नहीं आ रहे। बैरिया क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और रसूख वाले हैं वह गांव में प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई नावों पर कबज् कर ले रहे हैं और नावें उनके दरवाजे की शोभा बढ़ा रही है. आम लोग जान जोखिम में डालकर पानी में घुस कर गंतव्य की ओर आ-जा रहे हैं.
इतना ही नहीं सरकारी सहायता पर भी यही लोग पहले फायदा उठा रहे हैं, गरीब दबके का नंबर बाद में आ रहा है। हालांकि विधायक सुरेंद्र सिंह, उप जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह, तहसीलदार शिव सागर दुबे, एसएचओ बैरिया राजीव कुमार मिश्र ने आश्वासन दिलाया कि वह लगातार इस प्रयास में है कि सब लोगों तक इमानदारी से सहायता पहुंच जाए.
बाढ़ पीड़ितों के लिए मिट्टी तेल की अनुपलब्धता व पेयजल की कमी अभी सबसे बड़ी बाधा बन रही है। प्रसाद छपरा, अलमराय के टोला, मुरलीछपरा सहित अधिकांश गांव में बाढ़ के दूषित पानी से ही लोग अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है क्योंकि हैंडपंप बाढ़ में डूब चुके हैं. अन्य पानी के साधन गांव में भी तक पहुंच नहीं पा रही है.
दियरांचल में सरजू बढाव पर, बाढ़ पीड़ितों की कोई पूछ नहीं
सुरेमनपुर दियरांचल के गोपाल नगर, सिवाल मठिया, वशिष्ठ नगर सहित आधा दर्जन गांव में सरजू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण मामला और भी गंभीर हो गया है. प्रशासन की नजरें इनायत इस क्षेत्र में नहीं है. यहां बाढ़ पीड़ित राहत की राह देख रहे हैं.
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)