
बैरिया (बलिया)। एनएच 31 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सोनबरसा से जोड़ने वाली मात्र 300 मीटर सड़क निर्माण की मांग को लेकर दुर्गविजय सिंह झलन के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक नौजवान बृहस्पतिवार को क्रमिक अनशन पर बैठ गए. यही नहीं, इनका ऐलान है कि जब तक इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाता, तब तक उनका यह ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जारी रहेगा.
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यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि बैरिया विधानसभा क्षेत्र के आम नागरिकों विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को राजनेताओं पर भरोसा नहीं रहा. बैरिया विधान सभा क्षेत्र के युवाओं में चुनाव के पहले ही मिथक टूटने लगा है. बात स्पष्ट है कि जिन जनप्रतिनिधियों पर भरोसा कर विकास की बागडोर सौंपी थी. वह अपनी जिम्मेदारी निभाने में युवाओं के नजर में नाकाम रहे. इसी की बानगी है सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनबरसा का नजारा.
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इतना ही नहीं, 2 अक्टूबर गांधी जयन्ती के दिन से यही क्रमिक अनशन बेमियादी अनशन में बदल जाएगा. मात्र 300 मीटर सड़क की ही तो बात है. काम शुरू करवा दें. हम आन्दोलन समाप्त कर देंगे. अन्यथा इसी कड़ी में और भी ऐसी ही समस्यायें जुड़ती जायेंगी. नेतृत्व कर रहे दुर्गविजय झलन का कहना है कि साल 2002 में यह सड़क बनी. उसके बाद कभी इस सड़क पर रिपेयरिंग तक का काम नहीं किया गया. कहने पर जनप्रतिनिधि आश्वासन भर दे देते हैं.
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एक सप्ताह पूर्व इसके लिए पत्रक देकर मांग की गयी थी. मात्र 300 मीटर सड़क का ही तो निर्माण कराना था, लेकिन युवाओं व जनभावना का मजाक उड़ाया गया. इस आन्दोलन में सपा, भाजपा, बसपा व कांग्रेस आदि विभिन्न राजनीतिक दलों के युवा एक स्वर से एक साथ हैं. जो कुरेदने के प्रयास पर यह कहकर टाल गये कि छोड़िये पार्टी की बात विकास पर तो आवे. क्रमिक अनशन पर बैठने वालों में दुर्गविजय सिंह झलन, पंकज उपाध्याय निखिल, शैलेष सिंह चंदेल, अरविन्द सिंह, रंजन दुबे, हरीष पाण्डेय, सोनू सिंह, धनन्जय सिंह, अभिनव ओझा, रंजन सिंह बागी, हरिकेष सिंह, अजीत गोंड, अभय पाण्डेय, मनू यादव, धीरज गुप्त, ज्ञानेन्द्र उपाध्याय, मिश्र, प्रकाष मौर्य सहित दर्जनों युवा रहे, जबकि हास्पिटल पर आने वाले मरीज व क्षेत्र के गांव गांव से आने वाले युवा इस आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं. समाचार भेजने तक अनशनकारियों से वार्ता करने शासन, प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधि स्तर का कोई नहीं पहुंचा था.
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