दुबहर : क्षेत्र के दत्तुमठ में भागवत कथा करने अयोध्या धाम से पधारे प्रसिद्ध संत पंडित गौरव कृष्ण शास्त्री गुरुवार को अयोध्या लौटते समय मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समाज में जितनी भी कुरीतियां हैं, वे संस्कार के अभाव में हो रही हैं. इसका एकमात्र इलाज अच्छा संस्कार और सत्संग ही है.
उन्होंने कहा कि जिसके परिवार में संस्कार है उस परिवार के बच्चों से कम गलती होती हैं. उनके अंदर का संस्कार उन्हें गलत करने से रोकते हैं. उन्होंने कहा कि माता-पिता ही बच्चों के पहले गुरु होते हैं. उनको अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालने चाहिए.
आचार्य शास्त्री ने कहा कि अच्छे संस्कार कथा के माध्यम से ही लोगों को प्राप्त हो सकते हैं. इसलिए कथा सुनने के लिए माता पिता अपने बच्चों को भी अवश्य साथ लेकर जाएं. वहां जहां उन्हें जीवन उपयोगी आदर्श कथाएं सुनने को मिलेंगी जो उन्हें समय-समय पर प्रेरित करती रहेंगी.
पंडित गौरव कृष्ण शास्त्री की विदाई के अवसर पर मुख्य रूप से उमाशंकर पाठक, अरुण सिंह, प्रेम प्रकाश पिंटू, बिहारी चौबे, बबन विद्यार्थी, मनोज गिरि, राहुल गिरि, ध्रुव सिंह, शशिकांत पाठक सहित अनेक लोग उपस्थित थे.