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सिकंदरपुर(बलिया)। देश में बहुत ऐसे मामला सामने आते हैं, जो इंसान सहित इंसानियत को झकझोर कर रख देते हैं. आज के आधुनिकता के इस युग में कलयुगी मां ने ऐसा ही इंसानियत को झकझोर देने वाली करतूत किया है. जो किसी मां की ममता पर उंगली उठा रहा है. वहीं दूसरी तरफ एक मां ने अपनी ममता का आंचल दे लोगों को मां की ममता के आगे मत्था टेकने पर मजबूर कर दिया है. जब एक मां की बेरुखी से मौत के मुंह में पहुंच चुकी नवजवात को यशोदा रूपी दूसरी मां ने अपने आंचल में समेट लिया.
गुरुवार की सुबह मे गांव किशोर निवासी घनश्याम वर्मा बालूपुर रोड के समीप अपने खेत में काम करने जा रहा थे, कि किसी नवजवात के रोने की आवाज उसके कानों में पड़ी. वह आवाज की दिशा बढते हुऐ जब आवाज आने वाली जगह पर पहुंचा तो वहां का दृश्य देखकर अवाक रह गए. उसने देखा कि एक नवजात (बच्ची) घास से ढक कर छोड़ दिया गया है. वह तत्काल दूर खेतों में काम कर रहे लोगों को चिल्ला कर बुलाया. मौके पर जुटे लोगों ने घास हटाकर देखा तो नवजात के शरीर पर चींटी लग गई थी. वहां जुटे लोग तरह-तरह की बात करने लगे. लेकिन किसी ने उस नवजात को उठाने का जहमत नहीं उठाया. घनश्याम ने अचानक नवजात को उठाकर अपने घर ले आया और मां ज्ञान्ती देवी को देकर सारी बात बताया. मां ने उसे लेकर तुरंत सिकंदरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची जहां पर इलाज के बाद समीप के पूजा पैथोलॉजी में ले जाया गया जहां पर डॉक्टर आशुतोष गुप्ता की देखरेख में उसको ऑक्सीजन चढा़कर इलाज किया गया. वहीं किसी ने तत्काल 100 नंबर को डायल कर पुलिस को बुला लिया. मौके पर पहुंची 100 नंबर की गाड़ी ने सारे विवरण को जाना तत्पश्चात ज्ञान्ती देवी पत्नी फूलचंद ने बच्ची को गोद ले पालने की मांग सभी के सामने रखी. आस पास के लोगों ने ज्ञान्ती देवी की सराहना करते हुए उसके मांग को मान लेने की बात कही. इस प्रकार की हुई घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. वहीं लोग एक तरफ एक मां की आलोचना कर रहे हैं तो दूसरी तरफ फूलचंद वर्मा की पत्नी ज्ञान्ती देवी की सराहना करते नहीं थक रहे हैं. इस दौरान डॉ आशुतोष गुप्ता ने कहा कि बच्ची का इलाज व अपनी तरफ से करेंगे. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बच्ची आज ही सुबह की जन्म ली हुई है.