
दूल्हा-दुल्हन ने पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
जयप्रकाशनगर से लवकुश सिंह
शादी के दिन जब बरात दरवाजे पर पहुंचती है तो द्वारपूजा के बाद आजकल दूसरा रस्म जयमाल का ही होता है, किंतु जयप्रकाशनगर के भवन टोला में कुछ अलग ही रस्म अदायगी कर दुल्हा-दुल्हन की जोड़ी ने सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. यह देख इस बारात में पहुंचे सभी लोग न सिर्फ खुश हुए, बल्कि दुल्हा-दुल्हन की काफी प्रशंसा भी की.
धतूरी टोला निवासी कलिका सिंह के पुत्र सत्यप्रकाश सिंह की बारात जयप्रकाशनगर के भवन टोला (चाचा टोला) निवासी बिहारी सिंह की पुत्री रानी के यहां आई हुई थी. शाम के समय दरवाजा लगने और द्वारपूजा संपंन्न होने के बाद, सभी की निगाहें जयमाल स्टेज पर टिकी हुई थी, तभी दुल्हन रानी घर से निकली और वहां जाकर खड़ी हो गई, जहां उसे पौधारोपण करना था. फिर क्या था, दुल्हन के वहां पहंचते ही दूल्हा सत्यजीत भी रानी के बगल में जाकर खड़े हो गए और दोनों ने खुद के हांथों आम का पौधा लगाकर पार्यावरण संरक्षण का एक अलग संदेश दिया.
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
इसके बाद दुल्हन रानी के माता-पिता बिहारी सिंह और सुशीला देवी ने भी अलग पौधारोपण किया. इस नए रस्म को वैवाहिक रस्म की कड़ी से जोड़ने वाले गोरख सिंह, अशोक सिंह, महंथ यादव, सरोज सिंह आदि ने कहा कि शादी-विवाह के समारोहों में पौधारोपण के रस्म को शामिल करने की ओर सभी को आगे बढ़ना चाहिए. तभी होगी हम सब के जीवन में भी हरियाली. इस रस्म के बाद ही बाकी के सभी रस्म वैदिक मंत्रोचार के सांथ संपंन हुए और एक-दूसरे के हो गए रानी और सत्यजीत.