छपरा में जदयू नेता के खिलाफ पत्रकारों का हल्ला बोल

ईटीवी के जिला रिपोर्टर संतोष गुप्त के साथ मारपीट का मामला
प्राथमिकी के बाद पटना से हुए, जदयू नेता गिरफतार

छपरा (बिहार) से लवकुश सिंह

अभी एक दिन पहले की शाम उत्पाद विभाग द्वारा शराब की भनक लगने पर शहर के एक होटल में छापेमारी की जा रही थी. इसी दौरान वहां मौजूद जेडीयू के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह ने ईटीवी के जिला रिपोर्टर संतोष गुप्ता के साथ न केवल दबंगई की, बल्कि उनका कैमरा और बूम माईक भी छीन लिया. बताना लाजिमी है की जदयू नेता दिनेश सिंह रसूख वाले और दबंग और अक्सर खुद को ताकतवर साबित करने की जुगत में रहते हैं, किंतु इस बार मामला उलटा फंस गया है.

इस मामले की सूचना मिलते ही सबसे पहले अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के सारण जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने जिले की नई महिला एसपी अनुसुईया रण सिंह साहू से मोबाइल पर बात की. उन्‍होंने बिना देर किए पीड़ित पत्रकार से प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह देते हुए दिनेश सिंह पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस मामले में एबीपीएसएस के सांथ-सांथ सारण जिला पत्रकार संघ तथा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की सारण इकाई से जुड़े सदस्य भी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते वक्त मौजूद रहे.

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एबीपीएसएस प्रदेश अध्यक्ष विनोद पाण्डेय, राष्ट्रीय सचिव मुकेश कुमार सिंह, सारण मंडल अध्यक्ष डॉ. विद्याभूषण श्रीवास्तव तथा धीरज पाठक ने इस मामले को लेकर प्रदेश के पदाधिकारियों और जेडीयू के नेताओं पर जबरदस्त दबाव बनाया था. पत्रकारों की इस एकता का ही परिणाम रहा कि सारण के जदयू नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह को पुलिस ने पटना में गिरफ्तार कर लिया है. सारण की एसपी अनुसूइया रणविजय सिंह ने जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष की गिरफ्तारी का आदेश पहले ही जारी कर दिया था. इस मामले में जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह के विरूद्ध नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

यह प्राथमिकी न्यूज चैनल के संवाददाता संतोष कुमार गुप्ता ने दर्ज कराई थी. दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने कहा था कि वह समाहरणालय पथ स्थित फूड विला होटल से शराब बरामदगी के बाद उत्पाद विभाग द्वारा उसे सील किए जाने का फोटोग्राफी कर रहे थे, तभी जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष व उनके कुछ सहयोगियों ने उनका कैमरा, आईकार्ड एवं माइक छीन लिया. उन्होंने असंसदीय भाषा का प्रयोग कर धक्का-मुक्की भी किया. होटल सील करने पहुंची उत्पाद विभाग की टीम के बीच-बचाव के बाद उन्हें कैमरा, आई कार्ड एवं माईक दिया गया. इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष रवि कुमार के अनुसार कांड सं-87/17 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

फूड विला रेस्टोरेंट में हुई थी छापेमारी, मिली थी शराब

जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में उत्पाद विभाग एवं नगर थाना की पुलिस ने गत दिवस शाम को समाहरणालय के सामने स्थित फूड विला रेस्टोरेंट में छापेमारी की थी. जिसमें टीम ने विदेशी शराब के साथ उसके संचालक को गिरफ्तार कर लिया था. यह रेस्टोरेंट जदयू के एक नेता के कार्यालय परिसर में चलता है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी दीपक आनंद को गुप्त सूचना मिली थी कि समाहरणालय के सामने स्थित फूड विला रेस्टोरेंट में शराब की बिक्री हो रही है. सूचना मिलने के बाद डीएम ने उत्पाद अधीक्षक को इस रेस्टोरेंट में छापेमारी करने का आदेश दिया था. डीएम के आदेश के आलोक में उत्पाद अधीक्षक रेणू सिन्हा ने अपने कई अधिकारियों व नगर थाना पुलिस के साथ मिलकर गुरुवार की शाम उक्त रेस्टोरेंट में छापेमारी की थी. इसी के बाद मामला बिगड़ गया था.

हर स्थिति से निबटने को तैयार छपरा के पत्रकार

छपरा के पत्रकार इस मामले में हर स्थिति से निबटने को तैयार हैं. इस मामले को सभी ने काफी गंभीरता से लिया है. अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के सारण जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में यदि दोषी को सत्‍ता का संरक्षण प्राप्‍त होता है, तो सभी पत्रकार भी चुप नहीं बैठेंगे. बताया कि पटना में जदयू नेता की गिरफ्तारी के बाद उन्‍हें किसी दबाव में पुलिस ने जमानत पर रिहा भी कर दिया है. यदि यह बात सत्‍य होती है, तो अगले दिन से यह जंग और ताकतवर बनकर उभरेगी.

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