किसान बुवाई से पूर्व अपने बीजों का शोधन अवश्य कराएं
बलिया. जिला कृषि रक्षा अधिकारी बलिया ने बताया है कि खरीफ फसलों में विशेष रूप से धान में बीज जनित / भूमि जनित रोग जीवाणु झुलसा, जीवाणु धारी रोग, झोका रोग, शीथ ब्लाइट, पत्ती धब्बा रोग, मिथ्या कण्डुआ रोग मक्का में झुलसा रोग, तुलासिता रोग, जड़ सड़न अरहर में बीज सड़न, उकठा, मूँग व उर्द में पत्ती धब्बा रोग एवं जड़ सड़न मूँगफली में काउन रॉट, ड्राई रूट रॉट, कालर रॉट, टिक्का रोग, पत्ती धब्बा इत्यादि के संक्रमण की सम्भवना बनी रहती है. जिससे उत्पादन में 25 से 30 प्रतिशत क्षति सम्भवित है.
यदि कृषक बन्धु अल्प निवेश के साथ बीजशोधक जैविक कृषि रक्षा रसायन / कृषि रक्षा रसायन से बुवाई के पूर्व बीजशोधन कर के बुवाई करें तो फसलों में उपरोक्त रोग के लगने की सम्भावना कम रहती है. कृषक बन्धुओं को सलाह दी जाती है कि अपने घर के बीज को बुवाई से पूर्व बीजशोधन अवश्य करावें .
उन्होंने कहा कि सभी कृषक बन्धुओं से अनुरोध है कि अपनी फसल की बुवाई से पूर्व अपने बीज को शोधित कर के ही बुवाई करें. यदि इसमें किसी जानकारी की आवश्यकता हो तो अपने विकास खण्ड के कृषि रक्षा पर्यवेक्षक / प्राविधिक सहायक से सम्पर्क कर सकते हैं .
बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट