सरयू नदी के कटान ने उपजाऊ जमीन पर बरपाया कहर , लोग फसल काटने को हुए मजबूर

बांसडीह, बलिया. यूपी के पूर्वांचल में मानसूनी बारिश न होने से कहीं सूखा, तो लाखों क्यू शेक नदियों में पानी छोड़ने से बाढ़ जैसी हालात देखने को मिली. हालांकि सरकार की तरफ से सूखा घोषित करने के लिए जिलों में सर्वे शुरू है.

 

वहीं बांसडीह इलाका के सरयू ( घाघरा ) नदी के तटीय इलाका में हो रहे कटान की वजह से किसान धान की लगी फसल को काटने को मजबूर हैं. जबकि नदियों का जलस्तर पुनः बढ़ाव पर है.

 

बताते चलें कि कुछ ही दिन पहले नदियों का जलस्तर बढ़ा था. वजह कि राजस्थान ,मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों से लाखों क्यू शेक पानी छोड़ा गया था. नदियां उफान पर थीं. लगभग 10 दिन से जलस्तर कम हुआ. किंतु लगातार बारिश होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है.

 

रविवार की सुबह 8 बजे सरयू (घाघरा ) नदी डीएसपी हेड पर 63.76 और शनिवार की शाम 4 बजे 63.69 मापा गया. यानी नदियां फिर से बढ़ाव में हैं. जब कि खतरा बिंदु जलस्तर का 66.01 है. ऐसे में किसान अपनी खड़ी फसल जिस पर उम्मीद लगाकर बैठे थे कि भोजन लायक धान का उपज हो जायेगा. अब सरयू नदी के कटान का भय सताने लगा है. जैसा कि खेतों में दरारों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. अब किसान उन खेतों को काटते नजर आ रहे हैं.

 

क्षेत्र के मलाहीचक, कोटवा, टिकुलिया,
चाँदपुर पुरानी बस्ती, रामपुर नम्बरी, महराजपुर, कोलकला, रेगहा आदि गाँवो में कटान जारी है. आये दिन नदी सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन को अपने आगोश में ले रही हैं. अभी तक उन किसानों को राहत के नाम पर कुछ भी नही हुआ है.

(बांसडीह संवाददाता रवि शंकर पाण्डेय की रिपोर्ट)

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’