पंकज कुमार सिंह जुगनू
बलिया। भोपाल सेंट्रल जेल में बीती रात आतंकियों के हाथो मार गए हेड कांस्टेबल रमाशंकर सज्जन व शांति स्वभाव के व्यक्ति थे. जेल पुलिस की नौकरी के बाद से वे भोपाल में लगभग सेटल्ड हो गए थे. जेल में चीफ वार्डन के पद पर तैनात थे. लम्बे समय से वे इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे. बीते कुछ दिनों से वे अस्वस्थ चल रहे थे. इसलिए फिलवक्त वे आरक्षी का काम कर रहे थे. रमाशंकर भोपाल के सेन्ट्रल जेल के करीब स्थित अहिल्या नगर कॉलोनी में रहते थे. प्रतिदिन पैदल ही दफ्तर अर्थात जेल जाते थे. रविवार व सोमवार की रात दो बजे से उनकी ड्यूटी थी. ड्यूटी पर पहुंचने के तत्काल बाद ही आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दे दिया.
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भोपाल में उनके रिश्तेदार सुरेश यादव भी रहते हैं, जो पुलिस विभाग में नौकरी करते हैं. सुरेश यादव ने संवाददाता को मोबाइल पर हुई बातचीत में बताया कि आतंकियों ने थालियों को धारदार बनाकर रमाशंकर पर हमला बोला. उधर, मीडिया में चल रही खबरों में डीआईजी (भोपाल) रमन सिंह के हवाले से बताया गया है बीती रात 2 से 3 बजे के बीच आतंकी भागे हैं. आतंकियों ने पहले हेड गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या कर दी. इसके बाद भाग निकले. आतंकियों ने हमले के लिए स्टील की प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल किया. इसके बाद जेल में ओढ़ने के लिए मिली चादरों की रस्सी बनाई. उसी के सहारे दीवार फांदी. बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ आतंकी वे भी हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भागे थे. उन्हें पकड़ कर यहां लाया गया था.
सुरेश यादव ने बताया कि आतंकियों की हरकतों का विरोध करने के चलते ही रमाशंकर की हत्या कर दी गई. आशंक जताई जा रही है कि 35 फीट ऊंची दीवार फांदने के लिए चादर को रस्सी के तौर पर इस्तेमाल किया गया था, चाहरदिवारी के उस पार कोई उस चादर को भी पकड़े हुए था, तभी आतंकी कामयाब हो पाए. रामाशंकर पांच भाइयों में दूसरे नम्बर पर थे. रमाशंकर अपनी मां , पत्नी हीरामुनी के साथ ही भोपाल में रहते थे. उनके दो पुत्र शम्भु नाथ यादव (32), प्रभुनाथ यादव (27) सेना में ही हैं. दोनों की शादियां हो चुकी हैं. बेटी सोनिया (24) की शादी इस साल 9 दिसम्बर को होनी तय है, मगर इस दुखद घटना के बाद स्वाभाविक है असमंजस की स्थिति होगी.