
https://www.facebook.com/ChandanTiwariFolkSinger/videos/2163143433812691/
पटना। अपनी आवाज़ के बल पर काफी कम उम्र में भोजपुरिया समाज व भोजपुरी संगीत जगत में पहचान बनानी वाली, सबको मोहित कर देनी वाली 17 वर्षीय भोजपुरी कलाकार तिस्ता शांडिल्य आखिरकार ज़िन्दगी की जंग हार गई. दुआ के लिए उठे हजारों हाथ भी उसकी जिंदगी को नहीं लौटा सके. परिजनों व शुभचिंतकों की प्रार्थना नहीं काम आई. पटना एम्स में भोजपुरी गायिका तिस्ता शांडिल्य का इलाज चल रहा था. लेकिन मंगलवार की देर शाम डॉक्टरों ने भी हार मान ली. तीस्ता को मौत ने अपने आगोश में समेट लिया.
अनुभूति शाण्डिल्य ‘तिस्ता’ – वीर कुंवर सिंह की गाथा से ही बना ली अलग पहचान
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
इसे भी पढ़ें – वीर कुंवर सिंह की गाथा से अलग पहचान बनाने वाली तिस्ता सिंह की हालत गंभीर
दरअसल वीर कुंवर सिंह की गाथा गाने वाली तिस्ता शांडिल्य का पटना एम्स में इलाज चल रहा था. उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली जा रही थी. तीन दिन पहले तिस्ता को वेंटिलेटर पर रखा गया था. गौरतलब है कि तीस्ता के पिता उदय नारायण सिंह भी भोजपुरी गायन के उम्दा कालाकार है. पिछले 8 दिनों से बीमार चल रही अपनी लाडली तिस्ता को बचाने के लिए उदय नारायण सिंह ने कोई कोर कसर छोड़ नहीं रखा था. दिन-रात एक किये हुए थे. एम्स पटना में भर्ती बिहार की उभरती हुई कलाकार तीस्ता एक्यूट सेप्टेसेमिया नामक रोग से लड़ रही थी.
एक्यूट सेप्टेसेमिया वह खतरनाक बीमारी है. इसमें किसी इंसान के शरीर में ब्लड इन्फेक्टेड हो जाता है. खून में इन्फेक्शन बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है. खून जहर बनने लगता है. मानव शरीर का अंग काम करना बंद कर देता है. जिंदगी के बस 17 साल अभी तक देखीं तीस्ता इसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी.
इसे भी पढ़ें – राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर बाबू कुंवर सिंह गाथा का जीवंत प्रदर्शन कर अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है अनुभूति शाण्डिल्य ‘तिस्ता’ ने
छपरा (सारण) में रिविलगंज की युवा कलाकार तिस्ता शांडिल्य के लिए सोशल मीडिया पर भी उनके परिजन से लेकर शुभचिंतक तक कैंपेन चला रहे थे. हर कोई उसकी जिंदगी के लिए दुआ मांग रहा था. भोजपुरी फिल्म जगत से लेकर पत्रकार वर्ग ही नहीं, आम आदमी भी उसकी मदद के लिए आगे आ रहे थे. पटना एम्स में लोगों की भीड़ लगी रहती थी. हर कोई चाहता था कि किसी तरह बिहार की यह बिटिया बच जाए. जानी-मानी गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने भी तिस्ता के लिए अपील की थी.
तिस्ता के पिता उदय नारायण से लोग धैर्य व साहस बनाए रखने की अपील कर रहे थे. उन्हें हिम्मत दे रहे थे. लेकिन होनी को यह मंजूर नहीं था. जिंदगी के लिए लड़ते-लड़ते बिहार की बिटिया तिस्ता मौत के आगोश में चली गयी. वह मंगलवार को मौत से हार गयी. उसके गम में परिजन ही नहीं, पूरा भोजपुरी जगत और पूरा पूर्वांचल और बिहार रो रहा है. सोशल मीडिया पर भी उनके गम में लोगों को रो रहे हैं. किसी ने लिखा है निशब्द हूं तो किसी ने कहा- ‘हे भगवान, ना रहली तीस्ता… एतना लोगन के दुआ भी ना काम आईल. बाबू कुंवर सिंह के गाथा अब के गाई…’