बाढ़ कटान सुरक्षा: दावा नया करने का, हालात पहले से भी बदतर

बैरिया(बलिया)। तहसील क्षेत्र में बाढ़ व कटान से बचाव के लिए सम्बन्धित विभाग व जिला प्रशासन मुस्तैद नही है. भले ही सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने सम्बन्धित अधिकारियों को 15 जून से पहले बाढ़ और कटान से बचाव संबंधी कामों को पूरा करने और बाढ़ चौकियों की स्थापना का निर्देश के साथ ही काम पूरा न होने पर उन्होंने कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. लेकिन सिचाई मंत्री के आदेशों का असर तहसील क्षेत्र के गंगा व घाघरा नदी के बाढ़ इलाकों में देखने को नही मिल रहा है. यहां तक कि अभी तक बाढ़ चौकियां भी नही बनाई गई है. जब बाढ़ चौकियों के विषय मे तहसील प्रशासन से पूछा गया तो उनका कहना था कि वर्ष 2017 के बाढ़ के समय का बुकलेट है इसी से तैयार कर लिया जाएगा. वहीं बाढ़ विभाग के एक्सईएन वीरेन्द्र सिंह की माने तो बताया कि दुबेछपरा में 21 करोड़ का प्रोजेक्ट से बचाव कार्य हो रहा है. 80 फीसदी कार्य हो चुका है. किसानों के मुवावजे भी दिए जा चुके हैं. बस किसानों से रजिस्ट्री कराना बाकी है. चांददियर से जयप्रकाशनगर बीएसटी बन्धे के लिए 24 करोड़ के प्रोजेक्ट से कार्य चल रहा है. जबकि जयप्रकाशनगर में रिंग बन्धा निर्माण के लिए 40 करोड़ का प्रोजेक्ट है. लेकिन धन आवंटन न होने के कारण किसानों को मुवावजा नहीं दिया जा सका है. जिसके वजह से किसानों ने रिंग बन्धा निर्माण कार्य रोक दिया है.

विधायक सुरेन्द्र सिंह दहाड़ते रहे, बाढ़ कटान सुरक्षा का कार्य 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा. समय से काम पूरा कराने के लिए जिलाधिकारी चेतावनी देते रहे. 15 जून बीत गया. बाढ़ कटान रोधी कार्य पिछले सालों(गाली नहीं) की तरह ही अपने ढर्रे पर चल रहा है. तटवासी व प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हर बार दावा व वाला ऐसे ही किया जाता है. लेकिन अनुभव पहले से जरा भी बेहतर नहीं है. सम्बन्धित विभाग व ठेकेदार फिर बाढ़ आ जाने व कटान तेज होने पर वही पहले की तरह पानी में कम कागज पर अधिक काम दिखाना तेजी से शुरू कर देंगें.

एक्सईएन ने जानकारी दिया कि एनएच 31 के मरम्मत कार्य के लिए विभाग के पास मेंटनेंस खर्च होते है. कहीं दो-चार लाख की जरूरत पड़ी तो मरम्मत कर दिया जाएगा.वहीं गंगा व घाघरा इलाकाई लोगों का कहना है कि बाढ़ विभाग केवल लूट खसोट में लगी है. दुबेछपरा व जयप्रकाशनगर में भी विभाग के कार्यो को देख इलाकाई लोग लूट की बू महसूस कर रहे हैं.

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बाढ़ की आशंकाओं को लेकर इलाकाई लोगों का डर है कि इस बार घाघरा की तेज लहरों में चाँददीयर-जयप्रकाशनगर बीएसटी बन्धा टूट सकता है. जबकि एनएच 31 पर भी काफी दबाव है.

तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी व गंगा नदी के कटान व बाढ़ से बचाव के लिए सिर्फ तहसील प्रशासन के तरफ से साढ़े चार करोड़ रुपये खर्च किये गए थे. तहसील प्रशासन पिछले वर्ष गंगा नदी क्षेत्र में बाढ़ चौकी केहरपुर, गोपालपुर, दायाछपरा, जगदेवा टेंगरही, नौरंगा भगवानपुर, मुरारपट्टी, बहुआरा, शिवपुर कपूर दीयर, रामपुर कोडरहां, खवासपुर, कोडरहा नौबरार, जयप्रकाशनगर, दतहां, नवकागांव, गोपालनगर, शिवाल, आराजी माफी, झरकटहा, बशिष्ठनगर, मानगढ़, गोबिंदौली, दुर्जनपुर, श्रीकांतपुर, हनुमानगंज, सुरेमनपुर, बकुल्हां, चांद दीयर, इब्राहिमाबाद नौबरार को बाढ़ चौकी बनाया था.

इस सम्बन्ध में जानकारी के लिए बैरिया उपजिलाधिकारी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया. वह तहसील पर उपस्थित नही थे और न ही उनका मोबाइल नम्बर ही लगा.