बलिया। जिले में सभी नदियां घटाव पर हैं, मगर कटान का सिलसिला जारी है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 58.85 मी. है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.685 मी., चांदपुर में 59.25 एवं माझी गेजस्थल पर 55.90 मी. है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.00 मी. है. उधर, बैरिया थाना क्षेत्र के उदई छपरा गांव निवासी उधारी यादव (26) का शव बुधवार को उदई छपरा गांव के सामने ही गंगा के बाढ़ के पानी में उतराता मिला.
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घाघरा लगातार निगलती जा रही है खेती की जमीन
वैसे बढ़ाव-घटाव वाली नदियों की चाल ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. एक दिन पहले तक गंगा व घाघरा के जलस्तर में जहां मामूली कमी दर्ज हुई थी, वहीं बुधवार को गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के भी संकेत हैं. गंगा के पानी बढ़ने से जहां कटान में कुछ कमी आई वहीं घाघरा के जलस्तर में भी बढ़ाव है फिर कटान तेज हो रही है. दियारे में कृषि योग्य भूमि को घाघरा लगातार निगलती जा रही है. बाढ़ व कटान से बाढ़ पीड़ितों व तटवर्तियों की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
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धीरे धीरे कटता जा रहा है दूबे छपरा का रिंग बांध
चौबे छपरा में स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है. डेंजर जोन पचरूखिया पर धारा की बैकरोलिंग का दबाव बढ़ता ही जा रहा है और दूबे छपरा रिंग बंधा धीरे-धीरे अब कटता जा रहा है. बाढ़ विभाग के कर्मचारी बोरियों में बालू भरकर बचाने के प्रयास में जुटे हैं. श्रीनगर स्थित वर्षों पुराना शिव मंदिर का आधा हिस्सा मंगलवार को गिरकर गंगा में समाहित हो गया और कभी भी पूरा शिव मंदिर पानी में डूब सकता है.
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किसानों के होश उड़े
गंगा के खतरा बिंदु छूते ही गड़हांचल में तबाही मचनी शुरू हो जाती है. गंगा-टोंस और मगई नदी एक साथ कहर बरपाना शुरू कर देती है. पूरा गड़हांचल जलमग्र हो जाता है. ऐसे में इसे लेकर किसानों में चिंता बढ़ गई है. जबकि शहापुर बभनौली गांव में कटान शुरू होने से कटान के मुंहाने पर बसे लोगों और तटवर्ती इलाकों के बाशिंदे दहशत में हैं.
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