एक ने त्यागा तो दूसरी मां ने कलेजे से लगा लिया

रसड़ा (बलिया)।  एक माँ ने ढाई साल के बच्चे को त्यागा तो दूसरी माँ ने बेसहारा बच्चे को अपना कर अपनी  ममता पूरी तरह से उस पर न्योछावर कर दिया. बच्चे को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. वहीं आस पास के लोग बच्चे को देखने के लिये लालायित हैं.

कोतवाली क्षेत्र के कामसीपुर  गांव निवासी असगरी  विगत 30 जुलाई को  अपने मायके बलिया शहर स्थित बहेरी जाने के लिए रसड़ा रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन पकड़ने आयी थी. उसने बताया कि मऊ से ट्रेन आकर जैसे ही रसड़ा प्लेटफॉर्म पर खड़ी हुई वह डिब्बे में जाकर बैठ गयी. उसी समय एक महिला घूँघट में  बच्चे के साथ आयी और उसके बगल में  बैठ गयी. अभी ट्रेन खड़ी ही थी कि बच्चे का  कपड़ा लेकर आने की बात कह वह उतर गयी. उस औरत के  न आने पर वह भी बच्चे को लेकर ट्रेन से उतर गयी. काफी समय बीत जाने के बाद भी बच्चे की माँ नहीं आयी तो वह बच्चे को लेकर  अपने मायके चली गयी.

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चार बच्चों की माँ असगरी व उसके  पति हिसामुद्दीन कहते हैं कि जिस किसी का भी बच्चा हो आकर ले जा सकता है. नहीं तो चार बच्चे थे अब पांच बच्चा समझ कर  लालन पालन करूँगा. नटखट बच्चे को देखने के लिये उसके दरवाजे पर रोज ही महिलाओं की भीड़ जुट रही है. उस बच्चे को औरत ट्रेन में क्यों छोड़ कर गयी और वह कहां की थी. कयासबाजी का दौर जारी है.

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