मंगल पांडेय के गांव के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार

ग्रामीणों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा न्यौता

दुबहर (बलिया)। जंगे आजादी के महानायक अमर शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव के लोगों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नगवा आने के लिए न्यौता भेजा है. शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव के निवासियों को यह हमेशा मलाल रहता है कि आजादी के इतने बड़े योद्धा की शहादत एवं जयंती पर राष्ट्रीय स्तर के किसी नेता का आगमन उनके पैतृक गांव नगवा नहीं हो पाता है. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री जो सेनानियों का सम्मान करना जानते हैं, जिन्होंने अपने बलिया आगमन पर कई बार शहीद मंगल पांडेय की इस पवित्र भूमि को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उन्हें याद किया है.

आज सत्ता में दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगल पांडेय के पैतृक गांव की याद नहीं आयी. शहीद के गांव के सैकड़ों लोगों ने पत्र भेजकर प्रधानमंत्री जी को सादर आमंत्रित किया है. ग्रामीणों का कहना है की मंगल पांडेय सरीखे महान क्रांतिकारी को सरकारों द्वारा उपेक्षा उचित नहीं है. देश के शीर्ष नेतृत्व पर बैठे लोगों को ऐसे सेनानियों के शहादत और बलिदान को समारोह पूर्वक मनाने और उसमे सम्मिलित होने का गौरव छोड़ना नहीं चाहिए. मंगल पांडेय विचार मंच के अध्यक्ष एवं नगवा निवासी कृष्णकांत पाठक ने बताया कि शहीद मंगल पांडेय का पैतृक गांव आज भी कई बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है. गंगा के कटान पर स्थित यह गांव कई प्राकृतिक आपदाओं को झेलता है. इस गांव में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं, पुस्तकालय, इंटरनेट सुविधा, संग्रहालय एवं संपर्क मार्ग की व्यवस्था नहीं हो पाई है.

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स्वतंत्रता संग्राम के महान सपूत के गांव के लोगों को तब खुशी होगी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके गांव बलिया जनपद के नगवा गांव में आएंगे और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. इसके लिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि मंगल पांडेय के पैतृक गांव के लोग तब तक पत्र लिखेंगे, जब तक भारत के प्रधानमंत्री मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा आने की स्वीकृति प्रदान नहीं कर देते हैं. ज्ञात हो कि मंगल पांडेय नगवा ही नहीं, बल्कि पूरे जनपद वासियों के लिए गौरव के विषय हैं. जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ बगावत की चिंगारी जलाकर भारतीयों में स्वतंत्रता आंदोलन का बीजारोपण किया.

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