उधर कोहरत के भात की तैयारी थी, इधर घाघरा में डूबे दामाद की लाश निकाली जा रही थी

सिकन्दरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा 

सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के डूंहा गांव में शनिवार को घाघरा नदी में स्नान करते समय दिवाकर प्रजापति (30) की डूबने से  मौत हो गई. गांव वालों ने करीब 2 घंटे के प्रयास के बाद दिवाकर के शव को नदी से बाहर निकाला.

मऊ जिले के सिंघही गांव निवासी दिवाकर एक शादी समारोह में भाग लेने अपनी ससुराल डूंहा गांव निवासी अरविंद प्रजापति के यहां आया था. आज ही उनके साले विशुंजय की बारात उभांव थाना क्षेत्र के अटवा गांव जानी थी. दोपहर में परिवार के अन्य लोग के साथ दिवाकर भी घाघरा नदी में नहाने गया. नहाते समय गहरे पानी में चले जाने से वह डूब गया. उसके डूबते ही वहां मौजूद परिवार के सदस्यों में कोहराम मच गया. कुछ देर में ही गांव वालों की नदी के किनारे भीड़ इकट्ठा हो गई. साथ ही कुछ साहसी युवक नदी जल में उतर कर दिवाकर की तलाश करने लगे. करीब 2 घंटे की तलाश के बाद दिवाकर का घटना स्थल से शव 200 मीटर दूर से नदी जल के बाहर निकाला जा सका.

दिवाकर के डूबने की सूचना परिवार में पहुंचने पर कोहरत की भात खिलाने की तैयारी कर रही महिलाएं दहाड़े मार-मार कर रोने लगी. किसी के समझ में नहीं आ रहा था कि किया क्या जाए. जो भी इस घटना के बारे में सुन रहा था उसके कदम उस ओर चले जा रहे थे. लोग बरबस ईश्वर को कोसते जा रहे थे कि हे विधाता यह तूने क्या किया? वही अपने भाई की शादी में आई दिवाकर की पत्नी की रो-रो कर बुरा हाल था. परिवार के सभी लोग उस पल को कोस रहे थे, जिस पल सभी लोगों ने यह निर्णय लिया कि चलकर घाघरा नदी में नहा कर आया जाए तब बारात सजाया जाएगा. वही दरवाजे पर आ चुकी बैंड पार्टी सबकी मुंह ताक रही थी यह अचानक क्या हो?

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