जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस पर हुआ वेबिनार का आयोजन

आजादी की लडाई में हिंदी भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका–कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय

बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन प्रशासनिक भवन के सभागार में किया गया.

 

कुलपति प्रो.कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हिंदी भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही. हमारी संस्कृति और हमारा चिंतन जिस भाषा में हो उस भाषा को अवश्य सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश की राष्ट्रीय चेतना भाषाई चेतना से जुड़ी हुयी है और अपनी भाषा को बहुत स्वाभिमान और गौरव के साथ आगे बढ़ाना चाहिए.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

एनसीईआरटी नई दिल्ली से भाषा शिक्षा विभाग के प्रो.लालचंद राम ने हिंदी भाषा की वर्तमान चुनौतियों पर अपना विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारतीय एकता और अखंडता के लिए हिंदी का व्यवहार आवश्यक है. भूमंडलीकरण ने हिंदी को हिंग्लिश बना दिया है यह आज के समय में चुनौतीपूर्ण है. पूर्वोत्तर पर्वतीय केन्द्रीय विश्वविद्यालय,शिलांग मेघालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो .हितेंद्र मिश्र ने पूर्वोत्तर में हिंदी भाषा की वर्तमान चुनौतियों पर एक सारगर्भित व्याख्यान दिया. हिंदी ज्ञान की भाषा है और हमें वाचिक ज्ञान परम्परा का भी ध्यान रखना होगा. आज के सन्दर्भ में हिंदी एक बड़ी भाषा है , यह एक गौरव का विषय है.

 

विश्वभारती शान्ति निकेतन विश्वविद्यालय,पश्चिम बंगाल के प्रो.हरिश्चंद्र मिश्र ने कहा कि हिंदी भाषा को हमें आज बौद्धिक ज्ञान के अनुशासन के रूप में विकसित करना होगा. हिंदी चिंतन और सोच की भाषा है।आज के संदर्भ में हिंदी को और भी आगे बढ़ाने की जरुरत है. हिंदी को लेकर आगे बढ़ना अपने भाषिक बोध को और आगे बढ़ाना है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ.प्रियंका सिंह ने दिया.

 

इस अवसर पर शैक्षणिक निदेशक डॉ.पुष्पा मिश्रा,अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ.अजय चौबे और हिन्दी विभाग के शिक्षक डॉ प्रवीण नाथ यादव ,डॉ संदीप यादव सहित अन्य विभागों के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहें. कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ.अभिषेक मिश्र ने किया.

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE