बाहर जाने पर जिले-गांव का नाम बताते हैं न कि जाति : एसपी

  • नगरा थाना परिसर में एसपी की इलाके के संभ्रांत लोगों के साथ बैठक

नगरा: नगरा थाने में आयोजित शांति समिति की बैठक में पुलिस अधीक्षक बलिया देवेन्द्र नाथ ने कहा कि हमारा देश भाई चारा, सद्भाव, प्रेम से रहने की सीख देता है. सुख और दुख में भी हम किसी के साथ खड़े हो जाते हैं. हम किसी की जाति, धर्म को नहीं देखते हैं. हम अपने गांव, घर, जिले से बाहर जाते है तो पहले अपने जिले और गांव का नाम बताते है न कि अपनी जाति.

 

बलिया की रग को छूते हुए उन्होंने कहा कि बलिया हमेशा इतिहास बनाता है. हमें अपने आसपास के लोगों के अंदर विष का पौधा नहीं लगाना है बल्कि उन्हें ज्ञान के जल से सींचकर एकता का पाठ पढ़ाना है. हम सदियों से ही साथ साथ रहे हैं और आगे भी हमें रहना है. धर्म के दस लक्षणों को परिभाषित करते हुए देवेन्द्र नाथ ने कहा कि किसके अंदर धृति, क्षमा, धैर्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि कौन अपने इन्द्रियों को वश में नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि कुछ युवक जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है, सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट कर देते हैं. इसे रोकना एक सभ्य समाज का दायित्व है. दुष्यन्त कुमार की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए एसपी ने कहा कि ‘मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में ही सही, हो कही भी आग तो ये आग जलनी चाहिए.’

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एसपी ने लोगों से आश्वासन भी लिया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या मन्दिर मस्जिद विवाद में दिए गए फैसले के बाद क्षेत्र में अमन शांति बनी रहेगी. बैठक को एसडीएम बेल्थरारोड राजेश कुमार यादव, क्षेत्राधिकारी रसड़ा केपी सिंह, प्रमुख अनिल सिंह, रमेश सिंह, डॉ विजय नारायण सिंह, निर्भय प्रकाश, देवेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह पप्पू, मो रब्बानी, लाल बहादुर चौधरी सहित काफी लोग मौजूद रहे. अंत में प्रभारी निरीक्षक यादवेन्द्र पांडेय ने सबके प्रति आभार जताते हुए सहयोग की अपील की.

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