बेपटरी हो गई है सिकंदरपुर की पशु चिकित्सा व्यवस्था

नहीं मिल रहा पशुपालकों को सरकार के महात्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ

सिकंदरपुर(बलिया)। केंद्र व प्रदेश सरकार पशुपालन के लिए जहां करोड़ो रुपये खर्च कर योजनाओं को प्रोत्साहित कर पशुपालन में वृद्धि करने के लिए तत्पर है, वहीं धरातल पर सरकार की योजनाओं को मूर्त रुप देने में अभी कई सालों लगेंगे. सरकार द्वारा पशुपालन विभाग में अस्पतालों पर नि:शुल्क दवा व कई योजनाएं पशुपालकों के लिए चलाई गई है. जिसके तहत पशुपालकों के घर घर जाकर टीका लगाना व उन्हें सरकार द्वारा प्रदत्त नि:शुल्क दवाओं को वितरित करने का निर्देश है. अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरो को सप्ताह में दो दिन गांव में भ्रमण का समय निर्धारित किया गया है. बावजूद इसके राजकीय पशु चिकित्सालय सिकन्दरपुर पर सुविधाओ का अभाव है. यहां न तो पशुपालको को निःशुल्क दवा दी जाती और सस्ते दर 30 रुपये पर मिलने वाले सिमन की जगह 100 से 150 रुपये लिए जाते है. पशुपालको के घर प्राइवेट डाक्टरो को भेजकर पशुपालको का दोहन किया जाता है. जिला पंचायत सदस्य रवि यादव व पशुपालक चन्द्रमा यादव, वीरबहादुर वर्मा, राहुल राय, सहित दर्जनों पशुपालको ने डॉक्टर पर अनुपस्थित रहने का आरोप लगाते हुए कहा की डॉक्टर केवल सप्ताह में दो ही दिन उपलब्ध होते है. उन्होंने उच्चाधिकारियों से इसकी जांच करने की मांग किया, तथा सरकार द्वारा निःशुल्क दवा का वितरण करने व 30 रुपये पर ही सिमन पशुपालको को देने की मांग किया है.

उधर भाजपा के मंडल अध्यक्ष अरविंद कुमार राय ने बताया कि सरकार अस्पतालों पर सभी सुविधा मुहैया करा रही है. लेकिन डाक्टरों के लापरवाही व लगातार अनुपस्थिति से योजनाओ का क्रियान्वयन सही ढंग से नही हो पा रहा है.

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