आखिर सोशल मीडिया ने सुलझायी किसानों की समस्या

  • पोस्ट और कमेंट के जरिये विधायक और स्थानीय प्रशासन पर साधा निशाना
  • रेगुलेटर के मुहाने पर सिल्ट जमा होने से करीब तीन हजार एकड़ में जमा है पानी

बैरिया : आखिर सोशल मीडिया पर पोस्ट और कमेंट ने किसानों की समस्या की ओर दिलाया प्रशासन का ध्यान. तहसील के श्रीनगर और दलछपरा गांव के 80 फीसदी किसानों के खेत पानी में डूबे हुए हैं. रबी की बुआई के समय बीत रहा है और किसान मायूस हैं. करीब 3 हजार एकड़ खेतों में पानी लगा हुआ है.

पानी निकासी का एकमात्र रास्ता देवपुर मठिया में बना रेगुलेटर ही है. रेगुलेटर के आगे काफी मात्रा में सिल्ट (गाद) जमा होने से पानी खेतों से निकल नहीं पा रहा है. किसानों के कहने पर एक पखवारा पहले क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह बैरिया के एसडीएम के साथ देवपुर मठिया रेगुलेटर पहुंचे थे. तय हुआ कि मजदूर और जेसीबी मशीन लगाकर रेगुलेटर के जमा सिल्ट हटाया जाएगा.

बैरिया के एसडीएम ने तत्काल फोन कर संबंधित विभाग को निर्देश दे दिया. किसानों को उम्मीद थी कि समय से रबी की बुवाई हो जाएगी. उनमें श्रीनगर और दल छपरा के बरमेश्वर सिंह, रमाशंकर सिंह, अवधेश सिंह, विजय यादव, सुरेंद्र यादव, अयोध्या यादव सहित सैकड़ों किसानों के खेत पानी में डूबे हैं. मजदूरों को लगाया गया लेकिन जेसीबी मशीन नहीं लगाई गई.

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नतीजतन एक पखवारे में बहुत कम सिल्ट हटाया जा सका. आजिज आकर श्रीनगर और दल छपरा के युवाओं ने किसान की समस्या को लेकर सोशल मीडिया के जरिये प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर निशाना साधना शुरू किया. सांसद और विधायक को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. काफी कमेंट भी हुए. तब कहीं भाजपा कार्यकर्ताओं और तहसील प्रशासन की तंद्रा टूटी

भाजपा कार्यकर्ता सोनू सिंह और रमाशंकर सिंह ने अधिकारियों से संपर्क किया और गुरुवार को दोपहर बाद जेसीबी मुहैया कराया गया. वहां काम लग गया है. शाम तक काफी हद तक देवपुर मठिया स्थित रेगुलेटर के सामने से सिल्ट हटाया गया. किसानों को उम्मीद है कि दो तीन दिन मे रेगुलेटर का मुहाना साफ हो जाएगा, और खेतों में जमा पानी बाहर हो जाएगा.

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