व्यापारियों ने शहीद पार्क में धरना देकर  वाणिज्य कर अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जताया

बलिया। गुरुवार को व्यापारियों ने शहीद पार्क में धरना देकर वाणिज्य कर अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कार्रवाई की मांग की.

पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल एवं उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के संयुक्त तत्वावधान में सीए संग व्यापारियों ने शहीद चौक पार्क में सांकेतिक धरना दिया. इसमें सीए व व्यापारियों ने एक स्वर से वस्तु एवं सेवाकर के डिप्टी कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की जोरदार आवाज उठाई.

अधिवक्ता व व्यापारियों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग की. इस दौरान मौके पर पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट बृजकिशोर दुबे, सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह व कोतवाल शशिमौलि पांडेय ने समझा-बुझाकर सांकेतिक धरना समाप्त कराया और कहा कि आप लोगों के साथ पूरा न्याय किया जाएगा. व्यापारियों ने ज्ञापन में बताया है कि वस्तु एवं सेवा कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर धवल प्रकाश, असिस्टेंट कमिश्नर सुनील कुमार व विवेक कुमार तथा कर अधिकारी मनोज कुमार वर्मा व्यापारियों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण कर रहे हैं. आरोप लगाया कि तरह-तरह कर भय दिखाकर सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है.

व्यापारियों को डीएम ने आश्वासन दिया था कि मुकदमा दर्ज नहीं होने दिया जाएगा. इस मामले की जांच कर न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी. न्याय मिलने के बजाय भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से अधिवक्ता व दो व्यापारियों पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया. व्यापारियों द्वारा दी गई तहरीर के पांच दिन बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इस मौके पर उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश मंत्री रजनीकांत सिंह, पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा, उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष मंजय सिंह, लखनलाल गुप्ता, सीए संघ के अध्यक्ष ईश्वरन श्री, सीए पंकज सिंह, रोहित पांडेय, मदन वर्मा, अधिवक्ता अशोक कुमार, बद्री नाथ पांडेय, गुलाब चंद्र राम, प्रदीप कुमार, विनोद वर्मा, दीनानाथ गुप्ता, राजेश्वर गिरि, संतोष अग्रवाल, उमेश प्रताप, गणेश चौरसिया, संतोष गुप्ता आदि मौजूद थे.

उधर संयुक्त व्यापार मंडल ने निर्णय लिया कि पांच अप्रैल को जिले की प्रतिष्ठाने बंद रहेंगी. संयुक्त व्यापार मंडल ने व्यापारियों से अनुरोध किया कि आप अपने प्रतिष्ठानों को बंदकर लड़ाई को मजबूत करें ताकि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया जा सके.

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