कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे लौह पुरुषः कुलपति

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर सरस्वती सदन में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा पर गुरुवार को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर कुलसचिव, शिक्षक और कर्मचारियों ने भी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया.

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने का श्रेय लौह पुरुष को ही जाता है. वह सिर्फ कल्पना करने वाले व्यक्ति नहीं, बल्कि कल्पना को जमीन पर उतारने वाले कर्मयोगी थे. हिमालय जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता के कारण ही देश ने उन्हें सरदार माना. वह हमेशा कहते थे कि आम प्रयास से हम देश को एक नई दिशा दी जा सकती है जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल को नए भारत का निर्माता भी कहा जाता है और उनके साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें ‘लौह पुरुष’ और ‘सरदार’ जैसी उपाधियों से नवाजा गया था.उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. राकेश यादव, डा. मनोज मिश्र, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. मंगला प्रसाद यादव, डा. विनय वर्मा, डा. अमित वत्स, डा. पीके कौशिक, डा. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डा.स्वतंत्र कुमार, सुबोध पांडेय, संतोष मौर्य, रामगोपाल आदि उपस्थित थे.
डॉ सुनील कुमार की रिपोर्ट

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