जिलाधिकारी ने सम्भावित बाढ़ के दौरान राहत पहुंचाने के लिए लेखपालों को दिये जरूरी टिप्स

बलिया। सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. बाढ़ की आपदा के दौरान कैसे लोगों को बेहतर से बेहतर राहत दिलाई जा सके, इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बैरिया व सदर तहसील के लेखपालों के साथ बैठक कर जरूरी टिप्स दिये. कहा कि बाढ़ जैसी दैवीय आपदा में लेखपाल अगर सेवाभाव से काम कर दे तो निश्चित ही शत प्रतिशत पीड़ितों को राहत मिलेगी. लेखपालों ने भी बाढ़ के दौरान आने वाली समस्याओं से अवगत कराया.
जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी वितरण होगा उससे सम्बन्धित कागजात भी सुरक्षित रखने होंगे. राहत सामग्री वितरण स्थल चिन्हित कर लें. यह किसी भी मुख्य सड़क के किनारे नहीं होना चाहिए. जहां खाना बनेगा या पैक होगा वहां विपणन, आपूर्ति विभाग के अधिकारी रहेंगे. बाढ़ चौकियों पर पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग व जनता को राहत पहुंचाने वाले अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी तत्पर रहेंगे. तहसीलदार को निर्देश दिया कि एक राजस्व हल्के को एक बाढ़ चौकी से जोड़ा जाए. लेखपाल अपने क्षेत्र के सम्भ्रांत नागरिकों से बराबर सम्पर्क में रहेंगे, ताकि हर स्थिति की तत्काल जानकारी हो सके.

जिलाधिकारी ने विशेष निर्देश दिया कि इस बीच संचार व्यवस्था लगातार बनी रहे. किसी भी हालत में मोबाइल बंद की शिकायत नहीं आनी चाहिए. इसके लिए तहसीलदार को निर्देश दिया कि प्रत्येक लेखपाल को सोलर चार्जर भी जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराएं. यह भी कहा कि अगर किसी नाविक का पेमेंट अभी तक लम्बित हो तो तत्काल मुझें दें, ताकि शीघ्र भुगतान किया जा सके. लेखपाल यह भी देख लेंगे कि बाढ़ चौकियों पर हैण्डपम्प, बिजली, सोलर लाईट आदि व्यवस्था ठीक है या नहीं. इसकी भी रिपोर्ट देंगे ताकि समय रहते ये सब व्यवस्था की जा सके. बैठक में सदर व बैरिया तहसील के एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल आदि मौजूद रहे.

तहसील स्तर पर भी बनेंगे दो उप नियंत्रण कक्ष
सम्भावित बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने व नियंत्रण करने के लिए जिले स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनेगा. इसके अलावा तहसील स्तर पर दो उप नियंत्रण कक्ष बनेंगे. सब-कंट्रोल रूम पर कुछ गाड़ियां, नाव, गोताखोर आदि रिजर्व में रहेंगे. सदर तहसील के लिए नरहीं व हल्दी में उप नियंत्रण कक्ष का सुझाव मिला.

बाढ़पीडितों को सड़क मार्ग से जाने की होगी व्यवस्था
जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार हरसम्भव यही प्रयास होगा कि बाढ़ के दौरान इस पार से उस पार सड़क मार्ग से ही ले जाया जाए. इसके लिए पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था भी होगी और बकायदा लाॅगबुक मेंटेन होगा. सुबह-शाम समय निर्धारित कर लोगों के आवागमन की व्यवस्था होगी. बताया कि नदी की धारा में नाव फंसने के खतरे को देखते हुए इस बार ऐसी व्यवस्था कराने का प्रयास किया जाएगा, जो गांव चारों तरफ से घिर गये होंगे वहां के लोगों को निकटतम स्थल तक ही नाव से लाया जाएगा. गाड़ियों में एक स्टाफ होगा जो गाड़ी को समय से चलवाने के साथ लाॅगबुक मेंटेन करेगा.
तीन चरणों में लेखपाल करेंगे सर्वे
जिलाधिकारी ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का सर्वे तीन चरणों में करने को कहा. पहले चरण में उन गांवों का सर्वे 15 जुलाई तक कर लिया जाए जो रिंग बन्धे व नदी के बीच में हो. इस क्षेत्र में किस खेत में कौन सी फसल लगी है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर लें. बताया कि ये एरिया फसली बीमा योजना के अन्तर्गत आच्छादित होगा. दूसरे चरण में यानि 15 जुलाई से बाद रिंग बन्धे के बाहर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सर्वे करना है. इन दोनों सर्वे क स्थिति की जानकारी 31 जुलाई को ली जाएगी. तीसरे चरण में यह देखना है कि नदी की कटान में कौन सी जमीन या घर आ सकते हैं.

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