परेशानी का सबब बना बाढ़ देखने वाला हुजूम

बैरिया। दुबेछपरा रिंग बंधा टूटने कि खबर पूरे जिले में जंगल के आग कि तरह फ़ैल गयी. लोग एक दूसरे से इसकी जानकारी लेकर दुबेछपरा रिंग बंधे की ओर भागे जा रहे हैं. आलम यह है कि रिंग बंधा टूटने के एक घण्टे के भीतर वहां लगभग दस हजार से भी अधिक लोग बाढ़ देखने पहुच गए.

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भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लगाया गया. बावजूद इसके भीड़ कण्ट्रोल नही हुई तो बैरिया के चिरइया मोड़ पर पुलिस कि ड्यूटी लगाकर लोगों को वाहन लेकर दुबेछपरा कि ओर जाने से रोका गया. रिंग बांध टूटने कि खबर पर आम लोगों के साथ ही खास लोग अर्थात विभिन्न पार्टियों के नेता भी पहुंचने लगे.

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 देखते ही देखते दूबेछ्परा, उदयीछपरा, गोपालपुर, प्रसादछपरा गांव में बाढ़ का पानी फैल गया.
देखते ही देखते दूबेछ्परा, उदयीछपरा, गोपालपुर, प्रसादछपरा गांव में बाढ़ का पानी फैल गया.

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उधर प्रशासन के लोग व सिंचाई विभाग के अधिकारी व ठेकेदार दुबेछपरा से टेंगरही बिड़ला बांध तक कम से कम एनएच 31 में 10 ऐसे स्थानों पर बालू कि बोरिया लगाने में जुटे हैं. जहां से बाढ़ का पानी एनएच को लांघ सकता है.

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दुबेछपरा में राहत व बचाव का काम बदस्तूर जारी है. गंगा नदी की बेताब लहरों के वेग से शनिवार को दूबेछ्परा रिंग बंधा आखिरकार हार गया. देखते ही देखते दूबेछ्परा, उदयीछपरा, गोपालपुर, प्रसादछपरा गांव में बाढ़ का पानी फैल गया.

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चौतरफा अफरा-तफरी मच गयी है. लोगों को जैसे-तैसे घरों से निकाला जा रहा है. हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. डीएम व एसपी के अलावा सभी अधिकारी पैनी नजर रखे हुए है. बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने दयाछपरा के आठ स्कूलो पर बाढ़ प्रभावितों को ठहराने,  भोजन कराने का माकूल इंतजाम किया है.

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