बकुल्हा संसार टोला तटबंध पर सठिया ढाला के पास बने टी स्पर के आगे का हिस्सा रविवार को घाघरा (सरयू) के तेज बहाव में ध्वस्त हो गया. इसी सत्र में 6 करोड़ 81 लाख की लागत से बनाया गया था यह टी स्पर. ऐसे में बकुल्हा संसार टोला तटबंध पर घाघरा के बाढ़ का दबाव बढ़ गया है.
तटबंध टूटने पर कंधा के दक्षिण लगभग 5 से अधिक ग्राम पंचायतों की डेढ़ लाख से अधिक की आबादी खतरे में आ सकती है. बंधा का अगला हिस्सा जो इसी साल मई-जून में बना कर तैयार किया गया था उसका 70 फ़ीसदी हिस्सा आज भरभरा कर घाघरा के भेंट चढ़ गया. यहां यह भी बता दें कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में यही करोड़ों की लागत से स्पर बनाया गया था. जिसका नोज 2019 के बाढ़ में कट जाने के बाद पुनः इस साल अवशेष स्पर को और सुदृढ़ करने के लिए शासन द्वारा 6 करोड़ 81 लाख रुपये स्वीकृत हुए तथा अवशेष स्पर के नोज वाले स्थान को टी शेप देखकर स्पर को सुदृढ़ करने का कार्य किया गया. उस टी शेप का ही लगभग 70 फ़ीसदी हिस्सा आज कट गया.
बंधा कटने की सूचना पर वहां आस पास के काफी ग्रामीण जुट गए. और 4 साल के अंदर दो बार में करोड़ों खर्च कर बाढ़ कटान रोधी कार्य करने और उसके दो बार नष्ट होने की बात पर संबंधित विभाग के अधिकारियों, ठेकेदारों पर लूट खसोट और धांधली का आरोप लगाते हुए इस साल बकुल्हा संसार टोला तटबंध पर खतरा बताते हुए, यह कह रहे थे कि अगर यह तटबंध टूट गया तो इसके सामने दक्षिण दिशा में पड़ने वाले इब्राहिमाबाद नौबरार, कोडरहां नौबरार साहित एक दर्जन ग्राम पंचायतों की लगभग डेढ़ लाख आबादी प्रभावित होगी.
सूचना पर मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी श्रीहरिप्रताप शाही ने स्पर और उसके पश्चिम और कट रहे खेतों का निरीक्षण कर, बाढ़ विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. एक सवाल के जवाब में जिलाधिकारी ने कहा की सामने जो स्थिति दिख रही है. उससे बचाव का निर्देश दिया गया है. घाघरा की धारा जो सीधे बकुल्हां संसार टोला तटबंध के तरफ मुड़ गई है. स्थिति गंभीर है. उसे तत्काल रोकने के लिए, सामग्री और मैन पावर बढ़ा कर तत्परता से काम करने के लिए निर्देश दिया गया है.
यहां यह पता चला कि इसके बगल के लिए स्पर का जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे शासन स्तर पर बाढ़ के बाद संपन्न कराने के लिए रोक दिया गया है. अगर वह प्रोजेक्ट स्वीकृत हो गया होता और कार्य हुआ होता तो शायद यह स्थिति नहीं होती. लेकिन फिलहाल जो स्थिति है उसमें पहले बचाओ पर जोर है. इसके लिए निर्देश दिया गया.
टेंगरहीं बंधे का भी लिया जायजा
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने जयप्रकाशनगर से टेंगरही तक जाने वाले बंधे का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कई जगह रुक-रुक कर देखा. उन्होंने बाढ़ विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बंधे पर भी जहां कहीं भी थोड़ी खराब स्थिति है, उसको ठीक करा दिया जाए. उन्होंने कहा कि किसी जानवर आदि के द्वारा की जाने वाली मांद (बिल) पर विशेष नजर रखी जाए. अगर कहीं है तो उसको मजबूती से बंद करा दें. उन्होंने साफ किया कि पानी आने के बाद कहीं भी रिसाव जैसी स्थिति नहीं होनी चाहिए.