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बिहार के नारदी गायक कुंवर कमलवास साढ़े नौ बजे के करीब सुमिरन गाने के लिए मंच पर चढ़े उसी समय कुछ युवक उन्हें पुरस्कार देने के लिए मंच पर चढ़ गए और पुरस्कार तथा माला पहनाकर उनका स्वागत कर मंच से उतर कर तुरंत अवैध असलहे से फायरिंग कर दी. जिससे गायक कुंवरवास बाल-बाल बच गए। इस घटना से पंडाल में हड़कंप मच गया. घटना के 12 घंटे बाद पहुंचे गड़वार एसओ राजकुमार सिंह ने झंडा समिति के आयोजक मंडल पर दबाव बनाने लगे.
एसडीएम बैरिया आत्रेय मिश्र के निर्देश पर मौके पर पहुंचकर तहसीलदार ने गांव खाली करने के लिए लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा करा दिया था। उस समय सरजू नदी में पानी कम हो जाने के चलते कटान का सिलसिला रुक गया। पिछले तीन-चार दिनों से भारी बरसात के बाद सरजू नदी एक बार फिर से उफना गई है। और फिर से कटान तेज हो गया है। वर्तमान में कुल 65 परिवारों का आशियाना कटान के जद में है। यहां के कटान की जद में आए लोगों का कहना है कि हम लोग जाये तो कहां जाय।
बेल्थरारोड में घाघरा उफान पर है। घाघरा की उठती लहरों से क्षेत्र में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। तटवर्ती इलाकों की तरफ नदी का बढ़ना जारी है। नदी के पानी ने तटवर्ती गांव और खेतों में खड़ी फसल पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। किसान फसल के नुकसान को लेकर परेशान हैं। नदी के कहर से तुर्तीपार स्थित शमशान घाट भी अछूता नहीं रह सका है तथा वह भी पूरी तरह पानी में डूब चुका है।
पिछले लगभग डेढ़ साल से सड़क निर्माण आधा अधूरा कर छोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव के पहले इस सड़क का निर्माण चौकिया मोड़ से तेंदुआ ग्रामसभा तक किया जाना था लेकिन चौकिया मोड़ से मधुबन ढाला तक ही अंतिम लेयर का टीचिंग छोड़ टीचिंग कर दिया गया. जिससे चौकिया मोड़ से मधुबन ढाला तक सड़क के अंतिम लियर छोड़ के पिचिंग कार्य हो जाने से लोगों को राहत की सांस तो मिल गई है. पर वहीं बेल्थरारोड मधुबन ढाला से तेंदुआ ग्राम सभा सड़क न बनने से सड़क किनारे रहने वाले लोगों को धूल मिट्टी और कंकड़ जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
आंदोलित लोगों ने बतलाया कि हम लोगों ने तहसील संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी को भी अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर पत्रक दिया था. जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था और एसडीएम को जांच सौंपा था, एसडीएम ने 3 अक्टूबर तक हम लोगों से मिलकर मामले का निस्तारण करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमें विवश होकर क्रमिक अनशन पर बैठना पड़ रहा है. अगर इस पर भी सुनवाई नहीं हुई तो हम लोग क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में तब्दील कर देंगे.
दुबहर स्थित विद्युत उपकेंद्र से संचालित बिजली आपूर्ति बदहाल अवस्था में पहुंच गई है. स्थानीय दुबहर विद्युत फीडर से 24 घंटे में मात्र 4 से 5 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जा रही है. वह भी अनवरत कभी भी 2 घंटे तक नहीं चल पा रही है. जिसके कारण स्थानीय उपभोक्ताओं में काफी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है. इस उमस भरी गर्मी में विद्युत आपूर्ति बदहाल स्थिति में पहुंचने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बिजली नहीं रहने के कारण लोगों के मोबाइल तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं. रात में उमस भरी गर्मी के कारण लोगों विशेषकर बच्चों तथा वृद्धजनों का सोना तक मुश्किल हो गया है.