शहादत से पहले मंगल पांडे ने जरूर कहा होगा कि इस धरती से हजारों मंगल पांडे पैदा होंगे परंतु ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। कहा कि इस बागी धरती से निकली चिंगारी ही हमेशा देश को नई दिशा देती रही है.
सभागार में पहुंचते ही श्रोताओं ने खड़े होकर श्री कुलश्रेष्ठ का नारे के साथ स्वागत किया.