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राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है हिंदी- विद्यार्थी

आज भले ही हिंदी बोलने वालों की संख्या अपने देश एवं विदेशों में बढ़ रही है, लेकिन इंग्लिश का बढ़ता प्रचलन हिंदी भाषा की गरिमा के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय है. हमारे देश में भाषाओं की बहुलता के कारण भाषाई वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूप धारण कर लिया है.