स्थानीय क्षेत्र के घोड़हरा स्थित महंथ जी के मठिया में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सभी भक्तों को आचार्य पंडित सिद्धनाथ जी द्वारा पंचम दिवस की कथा श्रवण कराई गई जिसमे श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया.
क्षेत्र के घोड़हरा स्थित महंथ जी के मठिया में प्रथम दिन बुधवार को प्रथम प्रहर में आचार्य पंडित सिद्धनाथ जी ने श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण परम मोक्ष का वास्तविक साधन है.
पिछले कई दिनों से जारी श्रीमद् भागवत कथा सुनने आस-पास के इलाकों और गांवों के श्रद्धालु भी पहुंचे. कथावाचक दीपू भाई से पौराणिक कथायें सुन कर पुण्यलाभ किया.
वह जंगल में शिकार पर गए तो श्रृंगी ऋषि के तपस्या कर रहे पिता की गर्दन में सर्प लपेट दिया. इसके बाद घर चले आए. श्रृंगी ऋषि ने यह सब देखा तो श्राप दे दिया.
नगवा स्थित त्रिदंडी स्वामी घाट पर श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक पंडित जय गणेश चौबे ने कहा कि भागवत कथा कलयुग में व्यक्ति में सद्विचार जगाने का भी माध्यम है.
महर्षि विश्वामित्र की साधनास्थली एवं पौराणिक भूमी बक्सर जनपद के ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित उधुरा के श्री राम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ में आचार्य प्रेम शंकर जी एवं अरविन्द पाण्डेय की देख रेख में व्यास पीठ का पूजन काशी नाथ पाण्डेय के द्वारा किया गया.
मानव जीवन की सार्थकता इसी में है कि वह मुक्त हो जाय. यदि मनुष्य शरीर से मोक्ष प्राप्त नहीं हुआ तो फिर कभी भी नहीं हो पायेगा. उक्त बाते नगवा में पं.परमात्मानन्द चौबे के आवास पर चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान अपने प्रवचन में राजनारायणाचार्य जी महाराज ने कही.
महर्षि बिश्वामित्र की पावन एवम पौराणिक भूमि बक्सर जनपद के ब्रह्मपुर प्रखंड के उधुरा स्थित श्री राम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य उद्घाटन हरनाथ पुर पंचायत के मुखिया सुरेन्द्र कुंवर के द्वारा सम्पन्न किया गया.