
Tag: मां गंगा


गंगा दूतों को सम्बोधित करते हुए जिला प्रशिक्षक नितेश पाठक ने कहा कि गंगा एक नदी ही नहीं है, अपितु भारतीय सभ्यता व संस्कृति की मुख्य प्राण धारा है. सदियों से गंगा नदी अपने निर्मल जल से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का पालन-पोषण करती आई है. लेकिन दुर्भाग्य है कि विगत कई दशकों से गंगा का यह निर्मल जल प्रदूषित हो गया है. लोगों की लापरवाही के कारण गंगा के अस्तित्व पर संकट के बादल छा रहे हैं. यह महज गंगा जल का प्रदूषण नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रदूषण है. जिला प्रशिक्षक अभिषेक राय ने गंगा को स्वच्छ रखने के संबंध में उपस्थित युवक युवतियों को विस्तार से बताया.
