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देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी या फिर पहले शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में उनके नाम पर एक महिला महाविद्यालय बीते दस साल से बस बन ही रहा है. कब तक बन जाएगा? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. 8 अप्रैल 2005 को अमर शहीद के बलिदान दिवस के मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस महाविद्यालय को बनाने की घोषणा की थी. लगे हाथ उन्होंने इसके लिए धन भी मुक्त करवा दिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कला, विज्ञान व वाणिज्य की स्नातक शिक्षा के मान्यता भी प्रदान करवा दी.
मंगल पांडेय विचार मंच उत्तर प्रदेश की बैठक रविवार को अमर शहीद के पैतृक गांव नगवा में हुई. मंच के सदस्य दयानंद मिश्र ने कहां की मंगल पांडेय उस शख्सियत का नाम है, जिन्होंने ब्रिटानिया हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की. उन्होंने एक ऐसी चिंगारी पैदा की, जिसके आग में ब्रिटानिया हुकूमत खाक हो गई. उन्हीं के बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं. बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृष्ण कांत पाठक ने कहा कि उनकी स्मृतियों को संजोए रखने के लिए समय-समय पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के संबंध में वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी और सफल प्रतिभागियों को मंच की ओर से सम्मानित किया जाएगा.