The District Magistrate gave guidelines regarding the police station wise procession and said, Ballia is a unique example of Ganga Jamuni culture.

ज़िलाधिकारी ने थानावार निकलने वाली जुलूस के संबंध में दिये दिशा-निर्देश कहा, गंगा जमुनी तहजीब का अनूठा उदाहरण है बलिया

आयोजक इस बात का ध्यान रखेंगे कि जुलूस का जो समय निर्धारित है, उसी के अनुसार शुरुआत और समापन हो.उन्होंने कहा कि हर जुलूस के साथ पुलिस की मुकम्मल व्यवस्था रहेगी.

बलिया में 15 नवम्बर तक के लिए क्यों लगी धारा-144

बलिया में 15 नवम्बर तक के लिए क्यों लगी धारा-144
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बलिया. जिले में गणेश उत्सव एवं आगामी त्यौहार ईद-ए-मिलाद/बारावफात, दशहरा, दीपावली, गोवर्द्धन पूजा व चित्रगुप्त जयन्ती को दृष्टिगत रखते हुए शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जनपद सीमा के भीतर निवास करने वाले तथा आने जाने वाले समस्त व्यक्तियों के लिए 19 सितंबर से 15 नवंबर तक की अवधि के लिए धारा 144 लागू किया गया है.

बारावफात पर रसड़ा में भी धूमधाम से निकला जुलूस

रसड़ा नगर में मु0 साहब का जन्मदिन बारावफात बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान जलसा के साथ साथ जुलूस हाथी-घोड़े गाजे बाजे के साथ पूरे नगर में निकाला गया.

फूल माला पहनाकर किया स्वागत, सुखपुरा में भी निकला जुलूस

बारावफात के अवसर पर मुस्लिम बन्धुओं ने जुलूस निकाल पैगम्बर मो. साहब को याद किया. जुलूस को पूरे कस्बे में भ्रमण करवाया गया.

नूरी जामा मस्जिद से निकाला गया बारावफात का जुलूस

पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की जन्मदिन पर सोमवार को नूरी जामा मस्जिद से बारावफात का जुलूस निकाला गया. जुलूस नूरी जामा मस्जिद से प्रारंभ होकर नगर के मेन रोड से रेलवे चौराहा से अमरुतानी मोहल्ला होते हुए त्रिमुहानी से होकर गंतव्य पर पहुंचकर जलसा के रूप में तब्दील हो गया.

सहतवार में पुरानी मस्जिद पर नबी की याद में जलसा

सहतवार में ईद मिलाद नबी (बारावफात) के अवसर पर सहतवार पुरानी मस्जिद से निकलने वाला जुलूस पुलिस प्रशासन एसडीएम बांसडीह एवं सीओ के हस्तक्षेप से नहीँ निकाला जा सका. प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने से मुस्लिम बन्धुओं ने पुरानी मस्जिद पर नबी की याद में जलसा कर कार्यक्रम का समापन किया.