संपर्क मार्ग टूटने से संकट में ओझवलिया गांव

ओझवलिया में आयी भीषण बाढ़ से गांव और मुहल्लों में संकट पैदा हो गया है. पूरा गांव टापू बन गया है. सम्पर्क मार्ग टूटने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.

दुबेछपरा रिंगबन्धा गंगा में विलीन, 41 करोड़ का नुकसान

दुबेछपरा रिंगबान्ध गंगा की तेज धाराओं से कट कर बह गया. करीब तीन सौ मीटर की परिधि में बहने से आधा दर्जन से अधिक गांवो की 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई.

यहां किसान खरीदकर पानी पी रहे हैं, धान की खेती के लिए कैसे होगा पानी का इंतजाम

हम अपने गांव आए हैं. धान की खेती के लिए खेत पहले से ही जोतकर तैयार कर लिए गए हैं. धान की रोपाई के लिए बीज यानी बेहन डाली जा चुकी है, जो तैयार है. लेकिन अभी तक जोरदार बारिश नहीं हुई है. छीटपुट बारिश या झींसी पड़ने से भला धान की रोपाई होती है !! मानसून आ गया है.

डेहरी गांव में पानी के लिए खूनी संघर्ष, सरायभारती में सास व देवरानी की धुनाई

कोतवाली थाना क्षेत्र के डेहरी गांव में शनिवार की रात में नलकूप से पानी लेने के लिए दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया. जिसमे आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

दो रुपये में एक लीटर, पांच रुपये में पांच लीटर शुद्ध पानी बलिया स्टेशन पर हफ्ते भर में

मॉडल रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को दो रुपये में एक लीटर शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक व दो पर वाटर वेंडिंग मशीन लग गई है.

अब कब चेतेंगे! खूब मिटाया हमने-तुमने, पानी यूं नादानी में, नहीं बचा धरती पर पानी, बहा व्यर्थ बेईमानी में

जल और जीवन का चोली दामन का साथ है. हमें जीवित रहने के लिए जल तो चाहिए ही प्रकृति प्रदत्त इस जल को संचित करने की व्यवस्था भी हमें ही करनी पड़ेगी.

संदवापुर गाँव में पानी की किल्लत, कोई पुरसाहाल नहीं

पंदह ब्लाक अंतर्गत संदवापुर गाँव के 5 माह पूर्व से खराब पड़े हैंडपंप को बार-बार मांग के बावजूद अब तक नहीं बनाया गया, जिससे पेयजल की वर्तमान गर्मी के मौसम में किल्लत झेल रहे ग्रामीणों में संबंधित विभाग की उदासीनता के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.

सिकंदरपुर बस स्टैंड का वाटर कूलर बना शो पीस

नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु नगर पंचायत द्वारा बस स्टेशन चौराहा पर लगाया गया वॉटर कूलर काफी समय से खराब हो शोपीस बना हुआ है.

धरती की प्यास बुझाने वाले गड़हों की चीत्कार, अब नहीं सुनना चाहते बहरे हो चुके शहर!

विज्ञान के बढ़ते चरण हमारे रहन-सहन को ऊंचा उठा दिया है. यही कारण है कि हम कुआं नदी व तालाबों से दूर भाग रहे हैं. उन्हें उपेक्षित कर अस्तित्वहीन करते जा रहे हैं.

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आखिर पीने का पानी कब बनेगा चुनावी मुद्दा

363 बैरिया विधानसभा क्षेत्र में लगभग सभी प्रत्याशी अपने अपने स्तर व सोच के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र में जड़ जमा चुकी समस्याओं के बारे में बताकर उसका समाधान कराने का दावा ठोक रहे हैं और वोट माग रहे हैं.

नहर में पानी नहीं, संकट गहराने से इलाकाई किसान चिंतित

देवकली से निकल कर जहूराबाद विधान सभा क्षेत्र के अलावलपुर मांटा बाराचंवर कामुपुर उंचाडीह होते हुए बिश्वंभरपुर गांव तक जाने वाली नहर में अब तक पानी न छोड़े जाने से इलाकाई किसान बहुत ही चिंतित है.

छात्र नेता को जिला बदर किए जाने पर आक्रोश जताया

राष्ट्रीय राजमार्ग के गड्ढों मे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए छात्र नेता विवेकान्द पाण्डेय के विरूद्ध जिलाबदर की कार्रवाई की घोर निन्दा की. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिन अपराधियों व अराजक तत्वों को जेल में होना चाहिए वे सत्तासीन दल का झण्डा लगाकर लग्जरी गाड़ियों में घुम रहे हैं.

पांच दिन में सप्लाई बहाल हो, वरना….

रघुनाथ फीडर से नगर के कदम चैराहा, अमृतपाली, भृगु आश्रम, सतनी सराय व गौशाला रोड आदि क्षेत्रों में होने वाली विद्युत सप्लाई बाधित होने के कारण गरमी से बेहाल तथा पानी की किल्लत से जूझ रहे शहरियों का गुस्सा चरम पर है. सोमवार को एक्सईएन को पत्रक सौंपकर पांच दिन का अल्टीमेटम लोगों ने दिया है.

ब्रिटिश सरकार ने जलाया, अपनी सरकार ने पानी के लिए तरसाया

मंगल पांडेय ने 29 मार्च 1857 को देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटानिया हुकूमत के खिलाफ जब बगावत की तो उन्हें दंड स्वरुप 8 अप्रैल 1857 को फांसी दी गई. उनकी बगावत से तिलमिलाए अंग्रेज अफसरों ने बलिया में स्थित उनके पैतृक गांव नगवा में फ़ौज की एक टुकड़ी भेजकर आग लगा दी. नतीजतन सभी लोग गांव छोड़कर भागने को मजबूर हुए.

पखवाड़ा बीता, लेकिन ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला

पानी टंकी आदमपुर के फुंके ट्रांसफार्मर को अब तक नहीं बदला गया. स्थानीय लोगों बिजली महकमे में जूते घिसना जारी रखा है. इसके चलते टंकी से आपूर्ति ठप है. पानी की किल्लत झेल रहे आधा दर्जन गांवों के नागरिकों में विद्युत विभाग की उदासीनता के खिलाफ आक्रोश है. नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि ट्रांसफार्मर को शीघ्र नहीं बदला गया तो विद्युत उपकेंद्र पर धरना दिया जाएगा. टंकी से आदमपुर, जमालपुर, शेखपुर जाहिदीपुर, बसारीकपुर आदि गांव के लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया जाता है.

बिन बिजली नगवा सून, बाकी जो है हइए है

बिजली मोटर फुंक जाने से दो दिन से नगवा की बत्ती गुल है. अब दस हजार की आबादी वाले इस गांव में पानी के लिए भी त्राहि त्राहि मची है. कब तक आपूर्ति बहाल होगी, इसका भरोसा देने वाला भी कोई नहीं है. विभागीय स्तर कार्रवाई शुरू हो चकी है, लेकिन कब तक मोटर बदलेगा, आपरेटर की माने तो इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है. सफेद हाथी की तरह नगवा में में एक ओवरहेड टैंक भी है.

चाय लेंगे या पानी?

आजकल सरकार की ओर से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘, ‘पानी बचाओ-धरती बचाओ‘ आदि मुहिम चलायी जा रही हैं। चलिये,इस कदम से किसी मुहिम को तो बल मिलेगा। अगर अधिसूचना जारी कर दी जाये कि “ अतिथि,पानी साथ लाओगे“ तो आश्चर्य नहीं।