
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जनपद के सेनानियों व साहित्यकारों को याद कर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन की शुरुआत की. उन्होंने छात्र-छात्राओं के चहुंमुखी विकास और गांव को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय को कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपी. उन्होंने चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा 125 से ज्यादा गांवों को गोद लिए जाने की सराहना करते हुए कहा, हम लोगों ने कई नए कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के माध्यम से शुरू किए हैं. इसमें टीबी वाले बच्चों को गोद लेना भी शामिल है. इसलिए यह लक्ष्य बनाएं कि इन 125 गांवों में सभी प्रसव अस्पताल में ही हो, तथा एक भी शिशु की मृत्यु नहीं होने पाए. आंगनबाड़ी में अगर कोई भी कुपोषित बच्चा हो तो ग्राम प्रधान को सूचित करते हुए गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि बच्चे को स्वस्थ बनाया जा सके.