सौ साल पुराने रिकार्ड छूने को आतुर हैं गंगा और तमसा

गंगा और तमसा के बढते जलस्तर ने जहां 2003 और 2013 का रिकार्ड तोड़ दिया है. वहीं लोगों को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं आज से सौ साल पहले 1916 मे आई प्रचंड बाढ़ वाली भयावह स्थिति न पैदा हो जाए.

बाढ़ की त्रासदी पर बलिया लाइव की टॉप टेन खबरें

बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. यहां तक की बलिया शहर भी अछूता नहीं रहा.

बाढ़ विस्थापितों पर आफत की बारिश, किशोरी जख्मी

रविवार की रात आफत बनकर जिले में हुई बरसात. इसके चलते मकान गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. येन केन प्रकारेण कहीं शरण लेकर रात कटा रहे लोगों के लिए अब बारिश परेशानी का सबब बन चुका है.

किसी भी सूरत में भूखे न सोए बाढ़ पीड़ित – नारद राय

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने रविवार को दोपहर बाद बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. सदर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसरिकापुर तथा कमला देवी बाजोरिया डिग्री कालेज दुबहर में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्रों का उन्होंने जायजा लिया.

बाढ़ में बह गई मासूम, किशोरी को सांप ने डंसा

बैरिया थाना क्षेत्र बीएसटी बंधे पर इब्राहिमाबाद नौबरार पंचायत के घूरी टोला गांव के सामने रविवार की शाम बाढ़ के पानी की तेज धारा में प्रतिमा (8) पुत्री विशुन तुरहा बह गई. उधर, सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सभा कोथ के मटुरी गांव में शनिवार की शाम खेत में जाते समय किशोरी को सांप ने डस लिया.

बाढ़ चौकी – 4 पत्ता क्रोसिन और 300 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर

इस संकट की घड़ी में भी बलिया का स्वास्थ्य महकमा अपनी कारस्तानी दिखाने से बाज नहीं आ रहा है. सोहांव ब्लाक के बैरिया बाढ़ चौकी पर राहत के नाम पर सिर्फ चार पत्ता क्रोसिन टैबलेट और 300 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध है.

एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी राहत कार्य संभालेगी

जिला प्रशासन द्वारा गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस द्वारा प्रभावित लोगों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी की दो कम्पनियां एवं स्टीमर की व्यवस्था की जा रही है.

गंगा ने 2013 का रिकार्ड तोड़ा, ट्रेनों का रूट डाइवर्ट

बलिया में गंगा के जलस्तर का 2013 का रिकार्ड टूटा. दो सेमी प्रति घंटे बढ़ रहा जलस्तर. रविवार को कभी भी टूट सकता है 2003 का रिकार्ड. अब बाढ़ के चलते जिले में ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो रहा है. दुबेछपरा में हाई एलर्ट जारी. सभी से मुस्तैद रहने की अपील. शनिवार को रात छपरा बलिया के बीच गौतम स्थान पर रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण ट्रेन बंद हो गई हैं.

काशी से मांझी तक गंगा का रौद्र श्रृंगार, दहला बलिया

कई गांवों में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बक्सर से लेकर मांझी घाट तक गंगा अपने पूरे फार्म में है. इलाहाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण अगले 24 घंटे के दौरान बलिया में पानी बढ़ने की प्रबल संभावना है. अगर गंगा का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो सन् 2003 और 2013 का रिकॉर्ड भी टूट सकता है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डीएम का तूफानी दौरा

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.

बलिया में बाढ़ : ‘मां’ ने छीनीं बहनों की खुशियां

गंगा नदी का तेवर गुरुवार को भी तल्ख रहा. नदी के जलस्तर में प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से वृद्धि रिकार्ड की गयी. शाम सात बजे नदी गायघाट गेज पर 59.324 मीटर पर बह रही थी.

सभी नदियां घटाव पर, मगर कटान ने उड़ाए होश

जिले में सभी नदियां घटाव पर हैं, मगर कटान का सिलसिला जारी है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 58.85 मी. है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.685 मी., चांदपुर में 59.25 एवं माझी गेजस्थल पर 55.90 मी. है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.00 मी. है.

सब्जियों की खेती करने वाले किसान तो तबाह हो गए

गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की मुसीबते भी बढ़ने लगी है. हजारों एकड़ परवल की फसल जलमग्न हो गई है. अन्य सब्जियों की खेती भी बर्बाद हो गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बोया गया मक्का, ज्वार और बाजरा की फसलें जल मग्न होकर चढ़ने लगी है.

चौबेछपरा के बाद गोपालपुर और दुबेछपरा में संकट गहराया

बलिया पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुका है. विशेष तौर पर द्वाबा में संकट गहराता जा रहा है. चौबे छपरा के बाद अब गोपालपुर व दुबेछपरा के अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. गंगा नदी खतरा बिन्दु के मध्यम स्तर पर पहुंच चुकी हैं.

फिलहाल थिराने के मूड में नहीं दिख रही गंगा

गायघाट गेज पर ख़तरा बिंदु से 40 सेंटीमीटर उपर बह रही गंगा द्वाबा में भारी तबाही मचा रही है. चौबेछपरा में स्थिति काफी भयावह हो गई. लोग रिहायशी मकानों को उजाड़ने में लगे रहे. इस दौरान कई गांवों में लोग अपना सब कुछ छोड़ कर सुरक्षित ठिकानों की ओर रूख कर गए.

वज्रपात से तीन की मौत, चौबेछपरा में संकट गहराया

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार घाघरा नदी उतार पर है. लेकिन वह अभी भी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान के उपर बह रही है, जबकि तुर्तीपार (बलिया) और अयोध्या में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक बना हुआ है. गंगा प्रतिघंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है.

जीवन दायिनी घाघरा घटाव पर, मुक्ति दायिनी गंगा बढ़ाव पर

सिंचाई विभाग बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड और मांझी पर घटाव पर है, जबकि चांदपुर में स्थिर है. गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.57 मी है, जो बढ़ाव पर है. खतरा बिंदु से नीचे है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 64.380 मी, चांदपुर में 59.10 मी तथा मांझी में 55.10 मी है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 57.20 है, जो बढ़ाव पर है.

गंगा की लहरों ने चौबेछपरा में जमकर तबाही मचाई

चौबेछपरा में गुरुवार को अचानक तेज कटान शुरू हो गया और पलक झपकते राजनारायण मिश्र, राजकिशोर मिश्र और रामकेशरी देवी के रिहायशी मकान नदी मे विलीन हो गए. कटान को देखते हुए चौबेछपरा के अधिसंख्य मकानो पर दिल-दहलाने वाले हथौडे चलने लगे. एक साथ दर्जन भर मकानों पर चल रहे हथौड़ों की आवाज से आस-पास के लोगों का कलेजा कांप रहा है.

दीयारों के बाद कई गांवों को डराने लगी है घाघरा

गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 55.90 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. गंगा नदी खतरा बिन्दु से नीचे है. घाघरा नदी का डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.300 मीटर है, जो स्थिर है. चांदपुर में जलस्तर 58.95 मीटर और मांझी में जलस्तर 54.80 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 56.40 मीटर है, जो स्थिर है.

सावन के पहले दिन मंदिरों में उमड़े शिवभक्त

सावन के पहले दिन बुधवार को मंदिरों में शिवभक्तों का रेला उमड़ा. श्रद्धालुओं ने भोले भंडारी का गंगाजल से अभिषेक किया. अपनी बारी का घंटों इंतजार किये श्रद्धालु. सुबह से ही शिव भक्त अपनी पारी के इंतजार में मंदिरों के बाहर घंटों खड़े रहे.