Tag: इलाहाबाद
केंद्र सरकार द्वारा नोटबन्दी के जरिए नागरिक स्वतंत्रता का हनन किया गया है. इससे धर्म की भी क्षति होगी. व्यक्ति अपना धन अपनी इच्छानुसार नहीं खर्च करेगा तो कमाएगा क्यों? लोगों को आत्मिक संतुष्टि धर्म करने से होती है. केवल परिवार के पोषण से नहीं. अपना ही धन खर्च करने के लिए नहीं मिलेगा तो कोई यज्ञ, दान, तीर्थाटन कैसे करेगा?
धर्मार्थ मंत्री विजय मिश्र के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल बुधवार को काफी तल्ख दिखे. याचि पूर्व विधायक डॉ.राजकुमार गौतम के मुताबिक धर्मार्थ मंत्री के वकील केआर सिंह ने अपना पक्ष रखने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी, लेकिन न्यायमूर्ति ने साफ कहा कि बार-बार आप लोग मोहलत मांगते हैं.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के यूनियन हॉल में आइसा से जुड़े विद्यार्थी बैठक कर रहे थे. इसी दौरान हॉलैंड हॉल हॉस्टल में रहने वाले दो दबंग छात्र पहुंचे. उन्होंने एक छात्रा को देखकर अश्लील कमेंट किया. जब वहां मौजूद अन्य छात्र छात्राओं ने उनकी हरकत का विरोध किया तो वे मारपीट और बदसलूकी पर आमादा हो गए. यहां तक कि उन्होंने पीड़ित छात्रा को रेप करने तक की धमकी दे डाली
तलाकशुदा या एकल मां ही पुत्र की नैसर्गिक संरक्षक होती है अन्यथा पिता नैसर्गिक संरक्षक होगा. पहले कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी. इस आदेश के खिलाफ विशेष अपील भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी में हैं तो मां की मौत के बाद पुत्र द्वारा मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति की मांग उचित नहीं है. पुत्र यह नहीं दावा कर सकता कि वह केवल अपनी मां का ही आश्रित है.
कुंवर सिंह पीजी कालेज के छात्रसंघ भवन में छात्रनेताओं की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें इलाहाबाद विवि में प्रवेश परीक्षा में हुए व्यापक धांधली को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे छात्रनेताओं पर अराजक तत्वों द्वारा बमबारी किए जाने की घटना की एक स्वर से निन्दा की गई. छात्रसंघ युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भैया अमित सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि छात्रों द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से कुलपति कार्यालय पर सभा कर रहे छात्रनेताओं के ऊपर अचानक बमबारी होना लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है. इस घटना से छात्र समुदाय आहत है.
हवन सामग्री गंगा में डालने गई प्रधानाध्यापिका अर्चना सिंह (42) की धूमनगंज के मुंडेरा घाट पर डूबने से मौत हो गई. मालूम हो कि अर्चना मूल रूप से बलिया की रहने वाली थी. घंटों बाद भी जब प्रधानाध्यापिका घर नहीं पहुंचीं तो उनकी तलाश होने लगी. जब वह नहीं मिलीं तो घरवालों ने धूमनगंज थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी. शनिवार सुबह मुंडेरा घाट पर श्रद्धालु नहाने गए तो महिला का शव उतराते देख पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.