नगरा, बलिया. विकास खंड नगरा के ग्राम पंचायत ढेकवारी में सुनीता देवी, रतसड की पूर्व प्रधान स्मृति सिंह से प्रेरित होकर चुनाव में उतरी और प्रधान बन गई. वह अपने कार्य को जमीनी स्तर पर शत प्रतिशत कर पात्रों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहती हैं. उनका सपना है कि उनके कार्यकाल में उनकी पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत का खिताब मिले.
सुनीता देवी बताती हैं कि उनकी प्राथमिकताओं में महिलाओं को सशक्त बनाना तथा शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारना सबसे ऊपर है. सुनीता देवी चाहती है कि उनके ग्राम पंचायत में एक जूनियर हाई स्कूल की स्थापना हो ताकि बच्चों को अपने गांव में ही 8 वीं तक शिक्षा मिल सके. पात्रों को पेंशन, राशन कार्ड, आवास के साथ-साथ अन्य लाभ दिलाया जाना, बेसहारा एवं वंचितों को सामुदायिक भवन के अलावा ग्राम पंचायत के गलियों में प्रकाश की व्यवस्था हो. वे कहती है कि गांव की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए वे उन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करेंगी.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से स्नातकोत्तर एवं एमफील सुनीता देवी बताती है कि ग्राम पंचायत की सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित होने पर उनके अंदर भी ग्राम पंचायत की विकास की लालसा जगी और वे चुनाव मैदान में खड़ी हो गई. शिक्षित महिला को लोगो ने समर्थन देकर प्रधान बना दिया. वर्तमान में ग्राम पंचायत में पंचायत भवन, शौचालय एवं प्राथमिक विद्यालय में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत कार्य चल रहा है. विकास कार्यों की निगरानी खुद करती हूं. रतसड़ ग्राम पंचायत की पूर्व प्रधान स्मृति सिंह को आदर्श मानने वाली सुनीता ने कहा कि गांव की ज्यादातर रास्तों की हालत खराब हैं. इन्हें दुरुस्त करना तथा नालियों की साफ सफाई की व्यवस्था करना उनका प्रमुख उद्देश्य है. वे चाहती है कि विकास के आधार पर ग्राम पंचायत ढेकवारी की गणना आदर्श ग्राम पंचायत की श्रेणी में हो और शासन द्वारा ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया जाए. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के विकास के लिए मुझे जो भी करना होगा, मैं करने के लिए तैयार हूं.
(नगरा से रिपोर्टर संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)