


आजमगढ़। नगर निकायों के इन्कम का मुख्य स्रोत है प्रॉपर्टी टैक्स. आजमगढ़ मंडल के सात नगर निकायों में वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली या तो की ही नहीं गई है या फिर उसका निर्धारण ही नहीं किया गया है. इसमें बलिया के नगर पंचायत चितबड़ागांव और बैरिया, मऊ का मधुबन, वलीदपुर और चिरैयाकोट और आजमगढ़ का माहुल शामिल है. नतीजतन शासन ने संपत्ति कर की वसूली कर अवगत कराने तक इन निकायों की राज्य वित्त की धनराशि रोक दी है. कारण, इससे राजस्व का घाटा हो रहा है.
शासन ने ऐसे नगर निकायों के राज्य वित्त की धनराशि रोकने का फैसला लिया है. निर्देश दिए गए हैं कि जब तक संपत्ति कर का निर्धारण और वसूली कर शासन को अवगत नहीं कराया जाता है, तब तक राज्य वित्त की धनराशि जारी नहीं की जाएगी.
एडीएम (प्रशासन एवं प्रभारी अधिकारी नगरीय निकाय) नरेंद्र सिंह के मुताबिक नगर पंचायत में संपत्ति कर लगाने के लिए गजट करा दिया गया है. प्रक्रिया शुरू हो गई है. ईओ को जल्द से जल्द कर निर्धारण और वसूली के लिए निर्देशित किया जाएगा.
आजमगढ़ राज्य वित्त से मिलने वाली धनराशि से नगर निकाय में कार्यरत स्थायी कर्मचारियों का वेतन, पेंशन आदि भुगतान के साथ, संविदा और डेलीवेजर के रूर में रखे गए कर्मियों का भुगतान किया जाता है. शेष बची धनराशि का प्रयोग विकास कार्यों में किया जाता है. राज्य वित्त की धनराशि रोके जाने से मुख्य परेशानी वेतन, मानदेय और पेंशन को आएगी, इसके साथ ही विकास कार्य भी प्रभावित होंगे.