बलिया। पिता की शहादत के समय मां के गर्भ में चहलकदमी कर रही मासूम ने जब धरती पर कदम रखा तो एक तरफ लक्ष्मी के आगमन की खुशियां थी, तो दूसरी तरफ अनाथ होने का गम. लेकिन नियति के निर्णय से बेख़बर मासूम की किलकारियों ने पूरा माहौल ही बदल कर रख दिया. मां भी मासूम की टकटकी और किलकारियों से संतोष कर ‘मां’ का आशीर्वाद मान सीने से लगा ली.
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करती भी क्यों न, उसके पति की अंतिम निशानी जो ठहरी. बहरहाल नये मेहमान ने परिजनों को दुःख से उबरने का मौका प्रदान कर दिया है. कश्मीर के उड़ी सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद बलिया के लाल राजेश कुमार यादव की पत्नी पार्वती देवी ने नवरात्र के पहले ही दिन एक बच्ची को जन्म दिया. इस बच्ची को शक्ति का रूप माना जा रहा है.
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दुबहर थाना क्षेत्र अंर्तगत दुबहर यादव का डेरा निवासी राजेश कुमार यादव की शहादत पर एक तरफ लोग गर्व महसूस कर रहे थे, तो दूसरी ओर शहीद की गर्भवती पत्नी पार्वती की हालत पर परेशान भी हो रहे थे. पार्वती के सामने जहां शहीद पति की स्मृतियां शेष थी, वहीं दो मासूम बेटियों की जिन्दगी के साथ गर्भ में पल रहे शिशु का भविष्य भी था. शनिवार की शाम पार्वती ने जिला चिकित्सालय में एक बच्ची को जन्म दिया.
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धन्य है परमात्मा की माया